पीछे नहीं रहे बुजुर्ग और विकलांग भी..
लखीमपुर : लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व में अपनी आहुति डालने के लिए मानो खीरी संसदीय क्षेत्र का हर वर्ग पूरे जोश के साथ अपनी भागीदारी करना चाहता था। यूथ वोटर से लेकर बुजुर्ग से बुजुर्ग मतदाताओं ने पूरे जोश के साथ अपनी मताधिकार का प्रयोग किया, जिसकी तस्वीर लखीमपुर विधानसभा के बुढ़नापुर, डीएस कॉलेज समेत कई पोलिंग बूथों पर दिखाई पड़ी।
लोकतंत्र में एक वोट की क्या कीमत है यह पहली बार खीरी लोकसभा के चुनाव में खुलकर सामने आया। यह पहला मौका था जब 88 साल की वृद्ध महिला शकीना बानो अपने घर से निकलकर अपने बेटे मोईन के साथ वोट डालने के लिए डीएस कॉलेज के मैदान पर जा पहुंची। इससे पहले के कई चुनाव में कोशिशें तो कई बार हुई, लेकिन गोटैयाबाग की रहने वाली जमीला बेगम बूथ पर पहुंच जाती, ऐसा नहीं हुआ। वह सुबह से ही वोट डालने की रट लगाए थी। फिर मोइन ने उन्हें शाम तक इंतजार करने की बात कही और उन्हें वोट डलवाकर ही दम लिया। उधर भारत नेपाल सीमा पर संपूर्णानगर में विकलांगों में भी वोट डालने को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। लोकतंत्र में इस बार सभी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हुए दिखाई दिए।