हर मोड़ पर काल ड्राप.
कुशीनगर: भारत संचार निगम लिमिटेड के मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए काल ड्राप बड़ी समस्या है। मोबाइल पर जरूर
कुशीनगर: भारत संचार निगम लिमिटेड के मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए काल ड्राप बड़ी समस्या है। मोबाइल पर जरूरी काल आने या बात करते-करते कटने की समस्या आम है। शहर से बाहर निकलते ही काल ड्राप की समस्या शुरू हो जाती है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क न होने अथवा कमजोर होने के कारण बात करना मुश्किल है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पडरौना से कसया के बीच पांच से छह स्थानों पर काल ड्राप की समस्या सामने आती है। 18 किमी की दूरी में हर तीन से चार किमी पर काल ड्राप हो जाता है। यही कारण है कि आम उपभोक्ताओं का रुझान प्राइवेट मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों की ओर बढ़ता जा रहा हैं। पिछले कई महीने से टू जी व थ्री जी के नेटवर्किंग के चक्कर में उपभोक्ता सांसत में हैं। जनपद में बीटीएस प्रमुख स्थानों में पडरौना में रविन्द्र नगर, कसया में कुशीनगर, फाजिलनगर, तमकुहीराज, सेवरही, दुदही, जटहां, खड्डा, रामकोला, कप्तानगंज, हाटा, मथौलीबाजार, सुकरौली आदि कस्बों में स्थापित है, जबकि थ्री जी की सेवा मात्र कुशीनगर, पडरौना व रविन्द्र नगर में ही है। इसके अलावा बाकी स्थानों पर केवल टू जी की सेवा ही मिलती है। पडरौना से गोरखपुर जाते समय रास्ते में नेटवर्किंग गड़बड़ी से नंबर बराबर ही नाट रीचेबल ही बताता है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो और बुरा हाल है। अभी करीब सौ से अधिक गांव बीएसएनल की सुविधा से वंचित हैं।
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यह काल ड्राप एरिया
-गोरखपुर से कुशीनगर आते समय जगदीशपुर व सोनबरसा के बीच
-सोनबरसा से मझना नाला-सुकरौली
-सुकरौली से ढ़ाढा-हाटा, पगरा से हेतिमपुर से पकवा इनार तक -कुशीनगर से कसया के गोला बाजार, नगर से बाहर नगर पंचायत गेट पर
-कसया से पडरौना मार्ग पर वाणीपुल, साखोपार, अर्जुनहां, धर्मपुर, दमवतिया, छावनी
-नगर के साहबगंज व जटहां बाजार सड़क मार्ग, धर्मशाला रोड, रेलवे स्टेशन रोड, सुभाष चौक, रामकोला रोड, नौका टोला, बावली चौक, ओंकार वाटिका के अलावा सटे गांव खांव खड्डा, मिश्रौली, सुसवलिया, केवल छपरा, नाहर छपरा, ¨पजरापोल गोशाला
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यहां कमजोर है नेटवर्क
-बिहार बार्डर सीमा से लगे समऊर बाजार, सलेमगढ़, तरयासुजान, बरवापट्टी, दुदही, जटहां बाजार, खड्डा आदि स्थानों पर बिहार के बीएसएनल नेटवर्क मिलता है, तो कुबेरस्थान मार्ग, हरका चौराहा, नवोदय विद्यालय, मंसाछापर, मोतीचक-खड्डा मार्ग पर ढोरही फार्म हाउस, छितौनी के पास दरगौली-जंगल बनबीरपुर, कप्तानगंज तहसील क्षेत्र, सिसवां गोपाल आदि में कमजोर नेटवर्क रहता है।
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पहले थे सवा लाख यूजर्स
-शुरूआती दौर में बेहतर टू जी का नेटवर्क मिलने के कारण बीएसएनएल के यूजर्स की संख्या लाख के आसपास थी, विभाग की मानें तो संसाधन न बढ़ाए जाने से पिछले एक वर्ष में 30 हजार कम हुई है, अर्थात संख्या 95 हजार के आसपास पहुंच गई है। एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उपभोक्ताओं की संख्या घट रही है, फिर संसाधन नहीं बढ़ाए गए। यूजर्स के सापेक्ष बीटीएस की संख्या काफी कम है। कर्मचारी इसके लिए उच्चाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हैं। अगर संसाधन में बढ़ोत्तरी की जाए, तो प्राइवेट सेवा प्रदाता कंपनियों से बेहतर सुविधा मुहैया कराया जा सकता है।
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बीटीएस संख्या बढ़ाने की जरूरत
-विभाग की मानें तो उपभोक्ताओं को बेहतर नेटवर्क की सुविधा देने के लिए 55 बीटीएस (बेस ट्रांसरिसीवर स्टेशन) लगाने होंगे, जो काल ड्राप की समस्या दिलाएंगे। जनपद में 88 बीटीएस टू जी व 13 बीटीएस थ्री जी चालू है।
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बोले यूजर्स
-बीएसएनएल के उपभोक्ता संजीव कुमार गुप्ता, जितेंद्र ¨सह पटेल कहते हैं कि उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ी, लेकिन संसाधन नहीं बढ़ाए जा रहे हैं। जरूरत के सापेक्ष बीटीएस की संख्या नहीं बढ़ाई गई। इससे परेशानी कम नहीं हो रही है। अब हमें भी दूसरी कंपनी का सिम लेना पड़ेगा। क्योंकि दूसरी प्राइवेट सेवा प्रदाता कंपनियां बेहतर सुविधाएं दे रही है, जिससे लोगों का रूझान प्राइवेट कंपनियों की ओर बढ़ता
जा रहता है।
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विभाग को भेजा गया पत्र
-एसडीओ मोबाइल वीपी ¨सह व फोन्स हाशमी कहते हैं कि विभागीय उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। कम संसाधन में बेहतर सुविधाएं मुहैया कराया जा रहा है। बीटीएस के संख्या कम होने के कारण काल ड्राप की समस्याएं अधिक आ रही है। क्षमता बढ़ने पर सुविधाएं बढ़ेंगी।
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