जलापूर्ति संसाधन मुकम्मल नहीं, लोग परेशान
कुशीनगर: जल आपूर्ति करने वाला महकमा सो रहा है। जिम्मेदार चुप्पी नहीं तोड़ रहे हैं। नागरिक आहत हैं। स
कुशीनगर: जल आपूर्ति करने वाला महकमा सो रहा है। जिम्मेदार चुप्पी नहीं तोड़ रहे हैं। नागरिक आहत हैं। सार्वजनिक स्थलों की दुर्दशा से लोग परेशान हैं। हाल यह है कि सरकारी दफ्तर भी उपेक्षित होने लगे हैं। जिला प्रशासन ठोस कार्रवाई करने की बजाय विभाग के जिम्मेदारों की पीठ थपथपा रहा है। गर्मी शुरू होने के एक माह पूर्व ही जिला प्रशासन, बैठकों में जनपद में मुकम्मल जलापूर्ति के लिए कागजी घोड़ा दौड़ाकर भूल जाता है। प्रशासन मान लेता है कि जलापूर्ति व्यवस्था ओके है, लेकिन मौके की हकीकत तो कुछ और ही होती हैं। न समस्या का सौ फीसद समाधान हो पाता है, न ही हर समस्या जिला प्रशासन तक पहुंच ही पाती है। जनपद के सभी 14 विकास खंडों की स्थिति बदतर है। नगर व कस्बाई इलाकों में जलापूर्ति संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। खास बात कि कोतवाली, कलेक्ट्रेट, रोडवेज, रेलवे स्टेशन, ग्राम पंचायत भवन, सरकारी स्कूल कहीं भी जलापूर्ति व्यवस्था मुकम्मल नहीं है। नगर का कोतवाली परिसर जहां हर रोज फरियादियों की भीड़ नगर व गांवों से जुटती है, यहां का इंडिया मार्क टू हैंडपंप महीनों से सूखा पड़ा है।
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इनसर्ट
स्थापित है कंट्रोल रूम
-गर्मी में जनपद में खराब पड़े जलापूर्ति के संसाधनों को दुरुस्त करने के लिए विकास भवन में एक पखवारे पूर्व कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। आमजन की शिकायत है कि टेलीफोन कभी-कभी ही उठता है। कमलेश कहते हैं कि खराब पड़े इंडिया मार्क टू हैंडपंप को ठीक कराने के लिए कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज कराने के लिए चार बार फोन किया, दो बार फोन उठा नहीं, दो बार बिजी बताने के कारण शिकायत दर्ज नहीं हो सकी। देवेंद्र ने कहा कि शिकायत दर्ज कराने के बाद भी हैंडपंप की हालत जस की तस है। मुख्य विकास अधिकारी केदारनाथ ¨सह ने कहा कि कंट्रोल रूम की शिकायतों का संज्ञान लिया जा रहा है। मामले भी निस्तारित कराए जा रहे हैं।