विद्युत कटौती ने छीना सुख-चैन
कुशीनगर: नगर के लोग त्राहि-त्राहि कर उठे हैं। बिजली के आने व जाने का कोई समय नहीं है। व्यवसाय के साथ
कुशीनगर: नगर के लोग त्राहि-त्राहि कर उठे हैं। बिजली के आने व जाने का कोई समय नहीं है। व्यवसाय के साथ बच्चों की पढ़ाई पर ग्रहण लग गया है तो वहीं रात की नींद भी इस कटौती ने छीन ली है। पडरौना जिले का प्रमुख नगरीय क्षेत्र है। 25 वार्डों वाले इस नगर में बिजली की मांग व उपयोगिता बढ़ी है तो विभाग का राजस्व दो गुना बढ़ा है। बावजूद इसके कटौती पर अंकुश लगाने के लिए विभागीय स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। ग्राहकों की मौजूदगी के बावजूद कारोबारी व्यवसाय को ठीक से संचालित
नहीं कर पा रहे हैं। उमस भरी गर्मी ने लोगों को बेचैन कर दिया है। ते धूप से सड़कें सूनी होने लगी हैं।:
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जलापूर्ति पर भी संकट
-विद्युत आपूर्ति में व्यवधान आने से जलापूर्ति पर संकट खड़ा होने लगा है। सुबह पांच घंटे, दोपहर में
दो घंटे व सायं पांच घंटे के तय शेड्यूल में मुश्किल से दो से तीन घंटे ही जलापूर्ति हो पा रही है। सार्वजनिक स्थलों पर ही नहीं घरों में भी सुबह-सुबह पानी के लिए लंबी लाइन लग रही है।
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कारोबार पर भी प्रभाव-
नगर में फल-फूल रहा लौह उद्योग बिजली कटौती की चपेट में आ गए हैं। कारोबारी कटौती के दौर में अपना कारोबार ठप कर बगले झांक रहे हैं। कार्य भी है और कारोबारी के पास ग्राहक भी, लेकिन बिजली ने कारोबारियों के उत्साह को ठंडा कर दिया है। लौह सामग्री बनाने के लिए ग्राहकों की लंबी लाइन लगी है। एक काम आगे बढ़ नहीं रहा तो दूसरा कैसे शुरू होगा।
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क्या कहते हैं उपभोक्ता
-नगर के आवास विकास कालोनी निवासी राजेश कहते हैं जीवन की सभी सुख-सुविधाएं व कारोबार बिजली पर आ टिका है। ऐसे में कटौती ने सभी के नाक में दम कर दिया है। दीनानाथ ने कहा कि हाल यही रहा तो उपभोक्ताओं का आक्रोश सड़कों पर दिखेगा और इसके लिए विभाग सीधे जिम्मेदार होगा।