जीएसटी के विरुद्ध मुखर हुए व्यापारी
कुशीनगर : सरकार की गुड्स एवं सर्विस टैक्स नीति कारोबारियों के विरुद्ध है। इसके लागू होने से व्याप
कुशीनगर : सरकार की गुड्स एवं सर्विस टैक्स नीति कारोबारियों के विरुद्ध है। इसके
लागू होने से व्यापारियों का अहित होगा। इससे इंसपेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा। यहां जीएसटी, सीजीएसटी व आइजीएसटी तीन तरह की जीएसटी प्रस्तावित है। इसके प्रभावी होने से व्यापारी परेशान हो उठेंगे। यह कारोबारियों के विरुद्ध सरकार का कुचक्र है। इसका विरोध हर स्तर पर होगा। इस आशय का ज्ञापन गुरुवार को जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में व्यापारियों ने लिखी है। व्यापारियों के विभिन्न गुटों के पदाधिकारियों ने वित्त मंत्री को संबोधित ज्ञाज्ञापन में लिखा है कि मौजूदा जीएसटी देश के 5 करोड से अधिक कर अदा करने वाले व्यापारियों के हित में
नही है। कर प्रणाली जितनी ही सरल होगी कर का दायरा उतना ही बड़ा होगा। जितना कर प्रणाली जटिल होगा
उतना ही कर चोरी होगा। व्यापारियों ने ¨सगल जीएसटी प्रणाली लागू किए जाने, मैनुअल का विकल्प खुला रखें। कारोबारियों ने कहा कि जीएसटी 20 फीसद से अधिक है तो उचित नहीं है। आन लाइन पेमेंट के साथ ही चेक व नकद भुगतान की व्यवस्था बनाने की मांग की गई। जीएसटी में रिवाइज रिटर्न की सुविधा समाप्त किए जाने पर कारोबारियों की परेशानी बढ़ जाएगी। रिवाइज रिटर्न भूल सुधार का एक तरीका है जिसका लाभ करदाता को मिलना
चाहिए। ज्ञापन सौंपने वालों में व्यापार मंडल के प्रांतीय मंत्री जगदंबा अग्रवाल, जिलाध्यक्ष द्रव्यलाल गुप्ता, नगर अध्यक्ष प्रदीप कुमार जायसवाल, महामंत्री राजेश कुमार अग्रवाल, कोषाध्यक्ष अजय कुमार सराफ, मंत्री योगेंद्र जायसवाल मुकेश कुमार, वीरेंद्र गुप्ता, भरत, रवी गुप्ता, देवेंद्र गुप्ता आदि मौजूद रहे।