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नारायणी चली बंधे की ओर, कटान से भयभीत लोग

कुशीनगर: मानसून आने में अभी बारह दिन बचे हैं, लेकिन नेपाल के बाल्मिकी नगर बैराज से होकर कुशीनगर से न

By Edited By: Published: Wed, 03 Jun 2015 10:46 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2015 10:46 PM (IST)
नारायणी चली बंधे की ओर, कटान से भयभीत लोग

कुशीनगर: मानसून आने में अभी बारह दिन बचे हैं, लेकिन नेपाल के बाल्मिकी नगर बैराज से होकर कुशीनगर से निकली इस नारायणी का कहर अभी से शुरू हो गया है। बढ़े पानी के दबाव से जर्जर बांधो पर कटान तेजी से हो रहा है। हालत यह है कि गांव विरवट कोन्हविलया के निकट एपी बंधे के 7.50 से 9.00 किमी के बीच कटान होने से बंधे व नदी के बीच का फासला महज 4 मीटर बचा है। बैक रो¨लग व कटान होने से बंधे पर दबाव और बढ़ा हुआ है। ग्रामीण इस बात को लेकर दहशत में हैं कि अगर बंधा कटा तो दर्जनों गांव नारायणी में बह जाएंगे। पिछले महीने नेपाल में भूस्खलन से पानी का डिस्चार्ज जब इधर बढ़ा तो कटान शुरू हो गया। एपी बंधे के जीरो प्वाइंट से लेकर लगभग 19 किमी दूरी में बना बंधा पूरी तरह जर्जर हो गया है। रैट होल व पानी के दबाव से मिट्टी नदी में विलीन होता जा रहा है। विभाग इन सब बेपरवाह अब शासन से धन की मांग कर रहा है। ऐसे में प्रभावित रहे ग्रामीणों में यह भय बना हुआ कि कहीं काम शुरू होने के पूर्व ही बंधा पानी में विलीन न हो जाए। हर साल बाढ़ झेलने वालों का दर्द कम नहीं होता दिख रहा है। गांव व फसलों के बचाव के लिए बनाए गए बंधे खुद जर्जर हालत में है। प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ।

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यह हैं बंधे

-बाढ़ आने के बाद वर्ष 1978 में सेवरही विकास खंड में एपी व दुदही विकास खंड में अमवाखास बंधे का निर्माण शुरू हुआ तो बनने में चार से पांच वर्ष लग गए। इसमें अमवाखास-पिपराघाट 9.8 किमी लंबा तथा अहिरौलीदान-पिपराघाट 17 किमी का निर्माण कराया गया। मरम्मत के अभाव में तीन दशक बाद दोनों बांधों की स्थिति अत्यंत दयनीय गई है। ----

यहां बना है खतरा

-मुख्य एपी बांध के किमी 1.600 पर घघवा जगदीश के

सामने अति संवेदनशील स्थिति है, तो विरवट के सामने किमी 7.500 से किमी 8.500

तक नदी बांध से सट कर बह रही है। बाघाचौर टोला झवनिया के सामने किमी

10.518 से किमी 11.00 तक स्पर का नोज क्षतिग्रस्त होने से नदी का बंधे पर

दबाव है। अहिरौलीदान में किमी 14.00 से किमी 15.00 के बीच बंधा जर्जर है। अमवांखास बांध पर अमवादीगर में किमी 4.15, 4.200 व किमी 4.900 पर बांध नारायणी का दबाव नहीं झेल पा रही हैं।

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शीघ्र ही मरम्मत कार्य होगा शुरू :अधिशासी अभियंता

-बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता वीपी ¨सह ने कहा कि एपी व अमवा खांस बंधे की संवेदनशील स्थानों पर शीघ्र ही मरम्मत कार्य शुरू करा दिया जाएगा। जर्जर बांधो की मरम्मत मानसून आने के पहले करा लिया जाएगा। पानी बढ़ने से बंधे को कोई खतरा नहीं है।


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