हाथ पीले होने की खुशी पर भारी पड़े भूकंप के झटके
कुशीनगर : कल्पना, कामिनी, अराधना, सुकन्या ने अभी पांच दिन पहले अग्नि के सात फेरे लेकर जिस खुशी से पि
कुशीनगर : कल्पना, कामिनी, अराधना, सुकन्या ने अभी पांच दिन पहले अग्नि के सात फेरे लेकर जिस खुशी से पिहर से विदा हुई वह खुशिया अब काफूर हो गई है। आकांक्षा, आकृति, नेहा, अराधना, काजल की तरह कुशीनगर में तकरीबन 50 से अधिक बेटियों की बरात सोमवार को आएगी। हाथ पीला करने की सारी तैयारियां अंतिम दौर में हैं, लेकिन इनके चेहरे पर अजीब सी उदासी छायी है। अनहोनी को लेकर सभी उदास हैं। चार दिन पूर्व जो खुशी इनके चेहरे पर झलक रही थी वह काफूर हो गई है। नेपाल में तबाही का सजीव मंजर देखने के बाद चेहरे मुरझाए से हैं। शनिवार से रविवार तक क्रमश आए पांच बार भूकंप के झटके एक अजीब सी उलझन, खौफ मन को ¨चता में डाले जा रही है। भूकंप जैसी समस्या का कोई निदान होता न देख बेटियों के होश उड़ गए हैं।
शनिवार को भूकंप की विनाश लीला ने जीवन की उस हर खुशी को छीन लिया है जिसकों संजोने व पूरा करने में जीवन बीत जाता है। भरभरा कर गिरते घरों को देख चेहरे पर खौफ का भाव चस्पा है। हालांकि पूर्व में भी भूकंप के झटके महसूस होते रहे हैं, लेकिन यह आया रामा-गया राम की तरह साबित होता रहा। शनिवार को तकरीबन चार मिनट तक लगातार पृथ्वी के डोलने से खुली आंखों से हिलते मकान, पेड़, सड़क पर हिलते बस, ट्रक को देख अजीब सा खौफ कायम है। हर कोई सूचनाओं की ताक में इधर-उधर फोन घुमाकर ताजा अपडेट ले रहा है।जरूरी सामान एकत्रित कर घर छोड़ने की तैयारी भी कर ली गई है। पडरौना नगर में शनिवार की रात्रि घर से बाहर गुजारने के बाद रविवार को दोपहर में कम समय के लिए ही सही, लेकिन प्रभावकारी गति के कारण शांत मन फिर दहशतजदा हो गया है। जिनके घर सोमवार को बरात आने वाली है वे दुखी व निराश मन से तैयारी को अंजाम दे रहे हैं। छ माह से शादी तय होने के बाद खुशी से फूले न समा रही बेटियों पर एक-एक पल भारी पड़ने लगा है। उत्साह मन अब निराशा के दौर से गुजर रहा है। कामिनी ने रुहांसे मन से कहा कि सोमवार को बरात आने की खुशी अब ¨चता में बदल गयी है। कहती है एक क्षण का पता नहीं आने वाला दिन कैसा होगा मन अनजानी घटनाओं से संशकित हो रहा है।
---
अफवाहें भी साबित हो रही सच
-शनिवार को दिन में तीन बार आए भूकंप के बाद रात्रि में झटके महसूस होने की सूचना सरेआम हुई तो लोग रात में सो न सके। हर कोई घर छोड़ अंदर-बाहर होते रहे। अभी झपकी आती कि ¨चता में होश उड़ जाते। पूरी रात एक दूसरे से सूचनाएं लेने में बीता। रविवार को तड़के पौने पांच बजे हल्का, फिर दोपहर में भूकंप के आए जोर के झटके से हर ओर दहशत का माहौल है। सभी के चेहरे पर हवाईयां उड़ रही हैं।
-----
..कौन सी बात आखिरी होगी
-नेपाल की तबाही का मंजर टीवी, अखबार में जलजला देखने के बाद हर चेहरे पर हवाईयां उड़ रही हैं। बार-बार अपनों को निहारते, दुलराते, टकटकी लगा एक दूसरे को देखते परिजन अजीब सी ¨चता में डूबे हैं। कौन सी बात आखिरी होगी ? कौन सी मुलाकात आखिरी होगी, मिलते-जुलते रहों यारों कौन घड़ी आखिरी होगी को सोचकर सभी हैरत में हैं। क्या गांव, क्या नगर, शिक्षित, अशिक्षित समाज का हर तबका अपनी जान को लेकर ¨चतित है।
----
मंगलवार तक बंद रहेंगे कालेज
पडरौना : जनपद समेत उत्तरी भारत में बीते दिनों से रूक-रूक कर आ रहे भुकंप के झटके को देखते हुए जिलाधिकारी लोकेश एम के निर्देश पर जिला विद्यालय निरीक्षक रवींद्र सिह ने मंगलवार तक सभी कालेजों को अनिवार्य रूप से बंद कर दिया है। इस आदेश को अनिवार्य रूप से लागू करने की सख्त हिदायत दी गई है।