अधिकारों को जानें, तभी सुधरेगी व्यवस्था: नंदकिशोर
कुशीनगर: जनता की भलाई के लिए सरकारें तरह-तरह की योजनाएं चलाती हैं। जानकारी के अभाव में अधिकतर पात्र
कुशीनगर: जनता की भलाई के लिए सरकारें तरह-तरह की योजनाएं चलाती हैं। जानकारी के अभाव में अधिकतर पात्र व्यक्ति सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं। 2010 से चल रहा शिक्षा का अधिकार अधिनियम एक महत्वपूर्ण कानून है। इसमें 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा के साथ ही शिक्षकों के मानक भी तय किए गये हैं।
यह बातें उपनगर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के परिसर में आयोजित आरटीई पर गोष्ठी में पूर्व चेयरमैन नन्दकिशोर नाथानी ने कही। कहा कि अधिकार के लिए जानकारी भी आवश्यक है। गोष्ठी में खंड शिक्षा अधिकारी हाटा ध्रुव जायसवाल ने कहा कि इस अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में भी 25 प्रतिशत गरीब व कमजोर आय के लोगों का निश्शुल्क नामांकन हो रहा है। ऐसे बच्चों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। बताया कि किसी भी विद्यालय में आठवीं कक्षा तक बच्चों को अनुतीर्ण नहीं किया जाएगा। गोष्ठी का संचालन प्रेम शंकर दूबे ने किया। इस मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी सुकरौैली ऋषिकेष ¨सह, गिरिजा देवी प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कन्या इंटर कालेज, विनय यादव, हरेंद्र राव, सरोज पांडेय, रमाकांत, अनिल कुमार प्रधानाचार्य क्रिस्तूराजा स्कूल, जैनेन्द्र शुक्ल, मुखलाल प्रजापति, गौरीशंकर गुप्त, राम दिनेश ¨सह, मदन पाठक, मनीश रूंगटा, हाटा विकास खंड के सभी न्याय पंचायतों के प्रबंध समिति के अध्यक्ष, ग्राम प्रधान मौजूद रहे।