भगवान से मिलने का मार्ग श्री मद भागवत
कुशीनगर: पुराणों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ श्रीमद्भागवत है। इसका जीवन में अलग स्थान है। श्रीमद्भागव
कुशीनगर: पुराणों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ श्रीमद्भागवत है। इसका जीवन में अलग स्थान है। श्रीमद्भागवत पुराण भगवान से भक्त के मिलाने की कला सिखाती है, इससे पाप नष्ट होता है।
यह उद्गार कथावाचक पं. जयराम शास्त्री ने व्यक्त की। वे गुरुवार को विकास खंड सुकरौली के गाव मोहनपुर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन श्रीराम कथा का रसपान करा रहे थे। कहा कि श्रीराम कथा जीने की कला है, श्रीमद्भागवत गीता योग की कला सिखाती है जिसमें सभी प्राणियों में ईश्वर का बास होता है। इसे समझाने वाला देवताओं की श्रेणी में बैठता है। वहीं अन्य प्राणी माया के वशीभूत होकर भटकते रहते हैं। श्रद्धा व विश्वास का जीवन में बहुत महत्व है।
इस अवसर पर लालबिहारी सिंह, राधिका देवी, सावित्री देवी, पलीका देवी, राधेश्याम सिंह, अजय कुमार मिश्र, अजीत सिंह, देव नंदन सिंह, रामप्रीत सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।