कलश यात्रा के साथ शतचंडी महायज्ञ प्रारंभ
जागरण संवाददाता, कुशीनगर: क्षेत्र के बतरडेरा स्थित वनसती स्थान पर आयोजित शतचंडी महायज्ञ का शुभारं
जागरण संवाददाता, कुशीनगर: क्षेत्र के बतरडेरा स्थित वनसती स्थान पर आयोजित शतचंडी महायज्ञ का शुभारंभ गुरुवार को कलश यात्रा से हुआ। 1008 पित वस्त्र धारी कुंवारी कन्याओं ने गाजे-बाजे, हाथी, घोड़े तथा वाहनों के लंबे काफिले के साथ सिर पर कलश लिए देवी दुर्गा का जयकारा लगाते जल भरने चलीं तो पूरे क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो उठा। शुभारंभ वैदिक मंत्रोचार के बीच कसया नगर पंचायत के अध्यक्ष मुकेश्वर उर्फ पप्पू मद्धेशिया ने झंडी दिखाकर किया।
यज्ञाचार्यो ने विधि विधान पूर्वक कलश पूजन कराया। इसके बाद कुंवारी कन्याएं जल भरने के लिए निकली। कलश यात्रा बतरडेरा, बढ़याछापर, लंगड़ी, सखवनिया, बरवा, नैका टोला होते हुए बाड़ी चौराहा पहुंचा जहां मंत्रों से अभिंसिचित जल कलश में भर कर पुन: कलश यात्रा उसी मार्ग से लौटा, जहां कलश यज्ञ मंडप पर स्थापित किया गया। इस अवसर पर सुदामा पाण्डेय, देवव्रत, राजबहादुर, पारस, महंथ गोंड आदि मौजूद रहे।
भठहीं स्थित राम जानकी मंदिर पर मां काली सेवा समिति द्वारा आयोजित रामलीला के चौथे दिन बुधवार की रात ताड़का वध का सजीव मंचन देख दर्शक भाव विभोर हो गए। शुभारंभ मुख्य अतिथि भाजपा नेता संतोष सिंह ने फीता काटकर किया और कहा कि रामलीला चरित्र निर्माण की पाठशाला है।
मंचन में गुरू विश्वामित्र राजा दशरथ के पास आते हैं और वे अपने यज्ञ की सुरक्षा के लिए राम व लक्ष्मण को मांगकर ले जाते हैं। यज्ञ का अनुष्ठान होता है। उसमें ताड़का विघ्न पैदा करती है। राम लक्ष्मण उसे ऐसा करने से रोकते हैं तो वह राक्षसी सुकुमारों को मारने दौड़ती है। भगवान राम ताड़का का वध करते हैं और यज्ञ सफलता पूर्वक संपन्न होता है। इस अवसर पर रामदेव गोंड, हरेंद्र यादव, बबलू यादव, पेशकार गोंड, मुकेश यादव आदि मौजूद रहे।