श्रद्धा के साथ चहुंओर कूटे गए गोबर्द्धन
जागरण संवाददाता, कुशीनगर : दीपों के पर्व दीपावली के बाद गोबर्द्धन पूजा (अन्नकूट) शनिवार को परंपर
जागरण संवाददाता, कुशीनगर : दीपों के पर्व दीपावली के बाद गोबर्द्धन पूजा (अन्नकूट) शनिवार को परंपरागत ढंग से जिले भर में मनाया गया। उत्साहित महिलाओं व लड़कियों ने रीति रिवाज से घंटो गोबर की आकृतियों को बनाया, सिंदूर लगा पूजन किया, समूह में गीत गाया फिर विधि विधान पूर्वक उनकी कुटाई की।
इस त्यौहार का लोक जीवन में खासा महत्व हैं। गायों की पूजा की जाती है। इन्हें लक्ष्मी का स्वरूप कहा जाता है। कार्तिक शुक्ल के प्रतिपदा के दिन मनाए जाने वाले गोवर्द्धन को गोबर की बनी आकृति की हिंदू महिलाओं द्वारा विधान पूर्वक पूजन किया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े इस पर्व को महिलाओं ने बड़े ही उत्साहित ढंग से मनाया। महिलाओं ने मंगलचार गाया फिर सामूहिक रूप से उसकी कुटाई की।
परंपरा के अनुसार कूटे गए गोबर्द्धन में प्रयुक्त गोबर को लोग शुभ मान धन धान्य की बढ़ोतरी के लिए न सिर्फ अपने घर ले जाते हैं, बल्कि महिलाएं व लड़कियां घर में पीड़िया लगाती हैं। यह पीड़िया सवा महीने तक घरों में संजोया जाता है, फिर तालाब, पोखरे और नदियों में इसे बहाया जाता है।
हमारे सेवरही, कसया, हाटा कार्यालयों व कप्तानगंज, खड्डा, रामकोला, लक्ष्मीगंज, पनियहवा, नेबुआ नौरगिया, कोटवा बाजार, जटहां बाजार, पिपरा बाजार प्रतिनिधियों ने खबर दी है कि क्षेत्र में गोबर्द्धन पूजा उत्साह व उमंग के बीच रीति रिवाज से मनाया गया।