मनरेगा से हुए निराश, क्रशर से जगी आस
पडरौना, कुशीनगर : राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत जाब कार्ड धारकों को कुशीनगर
पडरौना, कुशीनगर : राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत जाब कार्ड धारकों को कुशीनगर में रोजगार भले ही न मिले लेकिन इन दिनों क्रशर पर रोजगार की भरमार है। तकरीबन 2000 क्रशर पर लगभग 30 हजार लोगों को रोजगार मिल गया है। क्रशर चलने से रोजी की तलाश में गैर प्रांतों में हो रहे मजदूरों के पलायन पर विराम लग रहा है। दूसरी ओर बगैर कार्य मजदूरों के नाम आहरित हो रही मजदूरी से मनरेगा के मजदूरों का मन भरने लगा है जाब के लिए ये भटक रहे हैं।
केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा जिले में हांफ रही है। तमाम अकुशल मजदूर ऐसे हैं जिनके पास मनरेगा का जाब कार्ड भी है लेकिन जाब नही मिल रहा। जिम्मेदार बगैर कार्य व हाजिरी के मजदूरों के खाते में आयी धनराशि खुद निकाल उन्हें चंद रुपये दे भरमा रहे हैं। क्रशर उद्योग उन निराश मजदूरों के जीवन में रोशनी बिखेर रहा है। जिले में हजारों युवा व प्रौढ़ ऐसे भी हैं जो अपने जवार में ही क्रशर पर रोजी मिलने से गैर प्रातों से लौट आए हैं। क्रशर संचालित होने तक ऐसे मजदूरों के घर होली व दीपावली जैसा माहौल है। गैर प्रांतों का रुख करने वाले ऐसे युवाओं का पलायन कम हुआ है। धरनी पट्टी क्रसर पर कार्य कर रहे जहांगीर कहते हैं जवार में रोजी चल पड़ी है। आलम कहते हैं काम धंधा के बाद दो रोटी परिवार के संग शकुन दे रहा है। जालंधर से गांव आए राज कुमार अपने दोनो भाईयों संग क्रशर पर कार्य करके खुशहाल हैं। होरलापुर में कार्यरत सत्येश, अब्बास अंसारी, आबिद अली, राहुल कुमार, सोनू, अंकित, परितोष कहते हैं ऐसे ही अपने क्षेत्र में बारह महीने रोजी का जुगाड़ हो जाए तो परदेश जाने की क्या जरुरत?
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इनसेट
यहां हो रहा गरीबी उन्मूलन
-कुशीनगर के धरनी पट्टी, बसहिया बनवीरपुर, दुदही, जटहां बाजार, केशव पट्टी, कप्तानगंज, बतरौली बाजार, मठिया, शिवपुर लंगड़ी, शिवराजपुर, रामपुर गोनहा, लक्ष्मीपुर, परसौनी, बतरौली, मसही, बसहिया बनवीर पुर, चिरगोड़ा, खिरकिया, जंगल बेलवा आदि क्षेत्रों में तकरीबन 2000 क्रशर महीनों से संचालित हो रहे हैं। रोजगार सृजन के केंद्र बने ये क्रसर गरीबी उन्मूलन में लगे हुए हैं। क्रशर संचालकों की माने तो जिले में हर रोज औसत रूप से लगभग 10 हजार टन गन्ना की पेराई हो रही है। गन्ना ढ़ुलाई, गन्ना पेरने, गुड़ पकाने, गुड़ बनाने, चाकी ढ़ालने, गुड़ का लड्डू बांधने, खोईया सुखाने आदि प्रक्रिया में एक क्रशर पर औसत रूप से 10 से 15 लोगों को रोजगार का सृजन हुआ है।
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इनसेट
इनके बने जाब कार्ड
-मनरेगा के तहत अकुशल मजदूरों को 100 दिन रोजगार मुहैया कराने के लिए जाब कार्ड बनाये गये है। पडरौना विकास खण्ड में 50343, दुदही में 25857, फाजिलनगर में 33768, हाटा में 32951, कप्तानगंज में 28973, कसया में 21792, खडडा में 29522, मोतीचक में 27898, नेबुआ नौरगिया में 24505, रामकोला में 21595, सेवरही में 17940, सुकरौली में 25505, तमकुही में 31108, विशुनपुरा में 30454 समेत हर आयु, जाति वर्ग के कुल जाब कार्डो की संख्या जनपद में 4.25 अकुशल लोगों के जाब कार्ड है।
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हाई लाइटर
-क्रसर पर एक ही घर के महिला व पुरुष सदस्यों को एक साथ रोजगार मिलने से खुशहाल हैं मजदूर परिवार
-मजदूरों की आय बढ़ने से इनका हर दिन बीत रहा होली व दीवाली जैसा, खुशहाल हैं परिवार के सदस्य
-क्रशर पर गन्ना की नकदी खरीद से किसानों के पूरे हो रहे रूके हुए कार्य।
-क्रशर पर गन्ना बिक्री को लग रही लंबी कतार