जल प्रलय से बचकर लौटे मजदूर, खुशी
जागरण संवाददाता, कुशीनगर: श्री नगर में आई भीषण त्रासदी में रोजी-रोटी के लिए गए मजदूर फंसे हुए थे। जल प्रलय में फंसे होने की सूचना से परिजनों का हाल बेहाल था। परंतु उस खौफनाक मंजर से उबर कर जब मजदूर घर पहुंचे तो भगवान के सहारे अपने परिजनों की राह देख रहे लोग खुशी से झूम उठे।
मालूम हो कि कप्तानगंज थाना क्षेत्र के ग्राम सभा भलुहीं निवासी धर्मराज, अंगद, जगदीश, राम सूरत, आद्या, ओमप्रकाश, श्यामदुलारे, नरसिंह, शत्रुघ्न, सुभाष आदि लोगों के साथ ग्राम बासी त्रिलोकी अपनी पत्नी चंपा सहित तीन बच्चे सन्नी उम्र 11 वर्ष, शैलेश नौ वर्ष व शालू सात वर्ष के साथ श्री नगर में स्थिति एक ईट भठ्ठे पर मजदूरी करने बीते जून माह में गए थे। जो भीषण बाढ़ के बीच कई दिनों से फंसे हुए थे। शुक्रवार को गाव पहुंचे मजदूरों ने बताया कि वहां मंजर देखने के बाद हमारे घर पहुंचने की उम्मीद कम हो गई थी। भगवान का शुक्र था कि बाढ़ की सूचना मिलते ही मालिक ने तीन मंजिली मकान पर सुरक्षित पहुंचा दिया। वहां पर भी पांच से छह फीट पानी लगने के कारण भूकंप के भय से हम लोगों को एक विद्यालय पर पहुंचाया गया। जहां सेना के जवानों ने सुरक्षित बाहर निकाला। जिसके बाद काजीपुर से रामबाग होते हुए उधमपुर तक ट्रेन से पहुंचे और निश्शुल्क ही लखनऊ होते हुए बोदरवार स्टेशन पहुंच कर अपने गांव लौटे हैं। जल प्रलय से बचकर गांव वापस लौटे मजदूरों का कहना है कि अगर गांव में रोजगार मिल जाता तो हम रोटी व बच्चों की पढ़ाई के लिए कश्मीर नहीं जाते। मजदूरों ने कहा कि जाब कार्ड होते हुए गाव में काम नहीं मिल पा रहा है। जिससे बाहर जाकर मजदूरी करना मजबूरी है।