आक्रोशित ग्रामीणों ने सिपाहियों को पीटा
कुशीनगर: सोमवार को एक बार फिर यूपी पुलिस का खौफनाक चेहरा सामने आया तो इस पर फूटा जनता का आक्रोश भी। पुलिस हिरासत में पिता-पुत्र को इस कदर पीटा गया कि पिता की जान पर बन आई। बात बिगड़ती देख घायल पिता को दो सिपाही सीएचसी फाजिलनगर इलाज के लिए लेकर पहुंचे। इससे नाराज ग्रामीणों ने अस्पताल परिसर में दोनों सिपाहियों को दौड़ाकर पीटना शुरू कर दिया। एक सिपाही किसी तरह जान बचाकर बाउंड्रीवाल कूदकर भाग चला, लेकिन दूसरा पकड़ा गया और जमकर धुनाई हुई। कुछ लोगों के बीच-बचाव के बाद किसी तरह वह छूट सका। सिपाही का इलाज किसी निजी अस्पताल में चलने की बात कही जा रही है। मामला पटहेरवा थाने का है।
थाने के गांव रहसू सुमाली पट्टी में भूमि विवाद के एक मामले में आज सुबह पुलिस ग्रामवासी 48 वर्षीय सुरेश ठाकुर तथा उनके पुत्र 18 वर्षीय अमरेंद्र को घर से पकड़ कर थाने लाई। आरोप है कि थाने पर पुलिस ने सुरेश को जमकर पीटा, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। आनन-फानन में थाने के दो सिपाही रामंचद्र यादव तथा अलाऊदीन इलाज के लिए उसे लेकर स्थानीय सीएचसी पहुंचे। सूचना पर घर के अन्य सदस्य व ग्रामीण भी अस्पताल पहुंच गए। गंभीर हालत में देखकर आपा खो दिया। मौके पर मौजूद अन्य लोग भी हो साथ हो गए और सिपाहियों को दौड़ाकर पीटने लगे। सिपाही अलाउदीन साथी किसी तरह जान बचाकर बाउंड्रीवाल कूदकर भाग चला, लेकिन सिपाही रामचंद्र न भाग सके। इसी बीच चौकी प्रभारी यादवेंद्र पाण्डेय फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और कुछ प्रबुद्ध लोगों के सहयोग से सिपाही को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाया तथा पीड़ित को गंभीर स्थिति में जिला अस्पताल भिजवाया। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. डीके पाठक ने कहा कि पीड़ित की हालत गंभीर है, इसलिए उसे रेफर कर दिया गया है।
इस बाबत पूछे जाने पर थानाध्यक्ष कमला यादव ने कहा कि दोनों पक्ष को थाने बुलाया गया था। थाने आते समय सुरेश ठाकुर की तबीयत अचानक खराब हो गई। उसे इलाज के लिए सीएचसी केंद्र भेजा गया है। सिपाही के पिटाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं थाने पर नहीं हूं। मै बाहर हूं इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
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''अस्पताल परिसर में क्या हुआ यह मुझे नहीं पता। पुलिस के पीटे जाने की बात भी मेरे संज्ञान में नहीं है। फिर भी इसकी जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी होगा, उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।''
चंद्रप्रकाश शुक्ल, अपर पुलिस अधीक्षक