कानून ताक पर, बाल श्रम पर अंकुश नहीं
कुशीनगर : क्षेत्र में बाल श्रम कानून ताक पर है। चाय-नाश्ते की दुकान सहित खतरनाक उद्योगों में मासूमों को काम करते सहज ही देखा जा सकता है। शिकायत के बाद भी विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है, इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता कि इसे लेकर जिम्मेदार कितने फिक्रमंद हैं।
गौरतलब है कि बाल श्रम पर अंकुश लगाने को लेकर सरकार सजग है। किंतु जिले में यह प्रयास धरातल पर उतरता नजर नहीं आ रहा है। बावली चौक व आसपास के इलाकों में किराना, चाय-नाश्ता आदि की दुकानों पर मासूमों को कार्य करते आसानी से देखा जा सकता है। इसके अलावा खतरनाक श्रेणी में आने वाले बेल्डिंग आदि जैसे उद्योगों में भी मासूमों द्वारा हाड़तोड़ मेहनत करते देखा जा सकता है। सिर्फ बावली चौराहे पर बेल्डिंग की लगभग दर्जन भर दुकानें हैं, जहां पढ़ने की उम्र में मासूम व किशोर इन दुकानों पर सुबह से देर रात तक मजदूरी करते हैं। काम के दौरान अक्सर यह मासूम चुटहिल भी होते हैं किंतु इनके संचालकों को इसका तनिक भय नहीं है। इतना ही नहीं चौराहे के रास्ते अक्सर विभागीय तथा प्रशासनिक अफसरों का आना-जाना लगा रहता है लेकिन इन दुकानों पर लोहा तोड़ते व जोड़ते मासूमों पर नजर नहीं जाती। यही कारण है कि दुकान संचालक बेफिक्र हो बाल श्रम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं।