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एक साथ 42 शिक्षकों पर गिरी कार्रवाई की गाज

By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 11:30 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 11:30 PM (IST)
एक साथ 42 शिक्षकों पर गिरी कार्रवाई की गाज

कुशीनगर: जिलाधिकारी व उनके द्वारा बनाई गई अधिकारियों की टीम द्वारा सोमवार को विकास खंड रामकोला के 170 विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित 26 शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया गया।

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जिलाधिकारी स्वयं भी उसी विकास खंड के कुछ विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने इसका भी निरीक्षण किया कि जांच टीम के अधिकारी कितनी सक्रियता से विद्यालयों का निरीक्षण कर रहे हैं।

औचक निरीक्षण के बाद सायं कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में औचक निरीक्षण में शामिल अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक के दौरान सभी अधिकारियों ने अपनी-अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी। सभी रिपोर्ट में बच्चों की उपस्थिति कम होने की बात कही गई है। सभी रिपोर्ट का निरीक्षण करने के बाद जिलाधिकारी ने 25 आंगनबाड़ी कार्यक‌िर्त्रयों का मानदेय अग्रिम आदेश तक रोकने का निर्देश दिया है। बीएसए को निर्देश दिया गया कि जिन विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति नामांकन के सापेक्ष कम हैं उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए। खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि सप्ताह में पांच दिन 12 बजे के बाद आवश्यक रूप से शिक्षकों की बैठक ली जाए। बैठक को संबोधित करते जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालयों के मरम्मत के लिए राज्य वित्त के धन का प्रयोग करने के लिए सभी ग्रामप्रधानों को निर्देश दिया गया था। जबकि ऐसा नहीं हुआ। यह घोर लापरवाही है। यदि एक सप्ताह के अंदर विद्यालयों के मरम्मत कार्य पूरा नहीं कर लिए गए तो लापरवाह ग्रामप्रधानों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

बैठक के दौरान डीडीआ बीके पाठक, पीडी चंद्रशेखर मिश्र, बीएसए प्रदीप पांडेय, विकलांग कल्याण अधिकारी मोहन त्रिपाठी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, अधिशासी अभियंता आदि उपस्थित रहे।

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जब मचा हड़कंप

कुशीनगर: सोमवार की सुबह शिक्षा विभाग में उस समय हड़कंप मच गया। जब जिले के सीडीओ, एडीएम, डीडीओ, एसडीएम हाटा एवं कई विभागों के एक्शियन समेत कई अधिकारियों ने अनेक प्राथमिक विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण कर वहां की असलियत को जाना। इस दौरान कई विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति कम पाई गई। कई विद्यालयों में अध्यापक अनुपस्थित थे। अभी अधिकारी निरीक्षण कर ही रहे थे कि जिलाधिकारी स्वयं इन अधिकारियों की मानिटरिंग करने निकल पड़े। विकास खंड के अमवा, टड़वा, रामबर सहित अनेक विद्यालयों का निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी ने अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।

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शिक्षा विभाग में हड़कंप

रामकोला: जिलाधिकारी द्वारा गठित टीम द्वारा विद्यालयों का औचक निरीक्षण करने की चर्चा दिन भर चलती रही। जब जिलाधिकारी लोकेश एम स्वयं भी इन अधिकारियों की मानिटरिंग में निकल गए तथा कई विद्यालयों का निरीक्षण करना शुरू कर दिए तो हड़कंप मच गया। ब्लाक के शिक्षा विभाग के अधिकारी भी अपने सूत्रों से मालूम करने में लग गए कि डीएम साहब कौन सा विद्यालय चेक कर रहे हैं। किसी अध्यापक या अधिकारी पर क्या कार्रवाई हुई। लक्ष्मीगंज संवाददाता के अनुसार जिलाधिकारी के निर्देश पर रामकोला विकास खंड के खोटही, हर्दी छपरा पूर्वी, रामबाग, कांटी, बरवाडीह, सीतापट्टी, निर्भया आदि गांवों में स्थित प्राथमिक विद्यालयों का जांचकर्ताओं ने औचक निरीक्षण किया। कांटी बरवाडीह में प्रधानाध्यापक राम प्रताप वर्मा ने सफाईकर्मी के न आने की शिकायत की।

इस अवसर पर प्रभारी डीपीओ, सहायक सांख्यिकी अधिकारी अमरिश, जिला समन्वयक निर्मल भारत अभियान बृजेश त्रिपाठी, विद्युत विभाग के अधिकारी विवेक सिंह आदि जांच अधिकारी के रूप में शामिल रहे। इस दौरान अध्यापक रामाकांत, राजीव श्रीवास्तव, अमित कुमार, मुरारी कुशवाहा, पूनम, सरोज आदि मौजूद रहे।

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गन्ने के खेत में छिपे किराये के गुरू जी

कुशीनगर : एडीएम रामकेवल तिवारी सोमवार को एक कुशल शिक्षक की भूमिका में नजर आये। उन्होंने क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान आगनबाड़ी कार्यकत्री से व्यवस्था सबंधी जानकारी लेने के बाद बच्चों को कक्षा में एक शिक्षक की तरह पढ़ाने के बाद परीक्षण लेने के लिए बच्चों को बुलाकर ब्लैक बोर्ड पर लिखवाया भी। शिक्षा मित्र से एक प्रश्न को हल करने के लिए कहा जिसमें फेल हो गया। इस पर नाराजगी जताते हुए सुधार करने का निर्देश दिया।

्रएडीएम श्री तिवारी के पूमावि पोखरभिंडा रामबर बुजुर्ग, प्रावि सिसवां रामबर बुजुर्ग तथा धनौजी माफी आदि परिषदीय विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान अनेक खामियां मिली। पोखरभिंडा में तैनात दोनों शिक्षक नागेन्द्र शुक्ल व राम प्रसाद चौरसिया 9:30 बजे तक विद्यालय नहीं पहुचे थे। किराये का शिक्षक सरकारी गाड़ी देखते ही चाहरदीवारी फांदकर गन्ने के खेत में जा छिपा। सिसवां में दोनों शिक्षा मित्र मनीषा सिंह व धर्मेन्द्र कुमार सिंह गायब थे और बच्चों की संख्या पंजीकृत संख्या से कम थी। एडीएम ने शिक्षकों से छात्र संख्या बढ़ाने तथा मानक के अनुसार एमडीएम बनवाने का निर्देश दिया। धनौजी माफी में भी छात्र संख्या काफी कम देख उन्होंने शिक्षा मित्र से नाराजगी प्रकट की। यहां तैनात शिक्षक सच्चिदानन्द व प्रदीप शर्मा अनुपस्थित थे। शिक्षा मित्र रूदेन्द्र कुमार दूबे का जमकर क्लास लिया तथा प्रार्थना के समय सफाई, पर्यावरण, जेई, महा पुरूषों के बारे में बच्चों को जानकारी देने की बात कही। 101 में 10 की भाग देने के लिए शिक्ष मित्र को बुलाया तो वे फेल हो गये। उन्होंने अनुपस्थित शिक्षकों का वेतन काटने तथा कड़ी कार्रवाई की बात कही।


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