बेहतर उत्पादन कब, उन्नतिशील गन्ना बोएंगे तब
कुशीनगर : बेहतर गन्ना उत्पादन के लिए उन्नतिशील प्रजाति के बीज की बुआई बेहद जरूरी है। समय पर खरपतवार नाशक दवाएं गन्ने के विकास में सहायक होती हैं।
उक्त बातें सेवरही गन्ना शोध संस्थान के गन्ना वैज्ञानिक डा. एसके सिंह ने कहीं। ये कोठिलवा व बबुईया हरपुर में उप्र गन्ना किसान संस्थान द्वारा आयोजित गन्ना विकास गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। संस्थान के सहायक निदेशक ओम प्रकाश गुप्ता ने कहा इस समय गन्ने में मथमुड़िया रोग का प्रकोप तेजी से हो रहा है। यह गन्ना के विकास को पूरी तरह से बाधित कर देता है। इससे बचाव जरूरी है। फ्यूराडान 12 किग्रा प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में छिड़काव करने से रोकथाम हो जाएगा। उन्होंने कहा उन्होंने गन्ना को गिरने से बचाने के लिए जड़ पर मिट्टी चढ़ाना जरूरी बताया तथा सितंबर में गन्ने की बधाई का उपाय सुझाया। किसानों द्वारा पूछे जाने पर पडरौना गन्ना समिति के सचिव आजाद अंसारी ने सहायक निदेशक को बताया कि ढाढा, कप्तानगंज, रामकोला पी चीनी मिलों पर किसानों का 1601 लाख रुपये गन्ना मूल्य बकाया है। जागरूक कृषक संजय गुप्ता ने बताया कि हर वर्ष 20 एकड़ गन्ना बुआई करते हैं। मेरा विभिन्न चीनी मिलों पर तकरीबन 3 लाख रुपये बकाया है। प्रगतिशील गन्ना किसान महेंद्र यादव ने कहा गन्ना मूल्य का भुगतान न होना किसानों के विकास में बाधक है। यही कारण है कि गन्ना का रकवा घट रहा है और केले की बुआई का रकवा तेजी से बढ़ रहा है।
गन्ना पर्यवेक्षक अशोक गुप्ता व जमालुद्दीन ने बताया कि गन्ना विभाग 50 फीसद अनुदान पर सूक्ष्म तत्व, कीटनाशक, जैविक खाद मुहैया करा रहा है।
इस दौरान किसानों को वैज्ञानिक खेती के प्रति जागरूक किया गया। गन्ना विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को विस्तार से बताते हुए किसानों को अत्यधिक व उन्नतिशील गन्ना बुआई के लिए जागरूक किया गया।
गोष्ठी में लक्ष्मण गुप्ता, लाल रतन यादव, योगेंद्र, कन्हैया, जटा शंकर समेत क्षेत्रीय किसान व गणमान्य लोग मौजूद रहे।