मुखिया मिलते ही भग हुई नगर पंचायत
अझुवा, कौशाम्बी : स्थानीय नगर पंचायत को 1988 में नगर पंचायत अध्यक्ष मिला था, लेकिन कस्बावासियों को जल्द ही जोरदार झटका लगा। 1991 में नगर पंचायत की कुर्सी छीन ली गई और प्रशासक बैठा दिया गया। इसके बाद 1995 में नगर पंचायत का चुनाव हुआ।
अझुवा नगर पंचायत का पहला चुनाव 1988 में हुआ। रमेश चंद्र वर्मा अध्यक्ष बने, लेकिन 1991 में इनका कार्यकाल भंग कर दिया गया। इसके बाद प्रशासन ने कुर्सी संभाली। 1995 में दोबारा चुनाव हुए। इस चुनाव में जवाहर लाल ने बाजी मारी। इसके बाद वर्ष 2000 में चुनाव हुआ। गोमती देवी को कस्बे के लोगों ने अपना अध्यक्ष चुना। वर्ष 2006 में राजाराम वैश्य को लोगों ने अपना अगुवा चुना और कस्बे की कमान सौंप दी। 2006 में कस्बे का विकास हुआ। सड़क और गलियां चमाचम हुई। गरीबों के लिए कालोनी का निर्माण हुआ। अब नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए दोबारा चुनाव हो रहे हैं। इस बार चुनाव में जोरदार घमासान मचा हुआ है। कौन जीतेगा और कौन हारेगा इसको लेकर राजनीतिक लोग गुणा-गणित लगा रहे हैं।
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क्या है कस्बे की स्थिति
0 16.31 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में है अझुवा का क्षेत्रफल।
0 कस्बे की जनसंख्या 16 हजार 941
0 3712 परिवार हैं कस्बे में
0 अझुवा में इस बार 10 हजार 971 मतदाता करेंगे मतदान।
0 नगर पंचायत में हैं 12 वार्ड।
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खास-खास
0 वर्ष 1988 में हुआ पहला चुनाव रमेश चंद्र बने अध्यक्ष
0 वर्ष 1995 में जवाहर लाल बने नगर अध्यक्ष।
0 वर्ष 2000 में गोमती देवी को नागरिकों ने चुना अपना अगुवा।
0 वर्ष 2006 में राजाराम वैश्य बने चेयरमैन।
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क्या कहते हैं नेता जी
अझुवा के पूर्व नगर अध्यक्ष राजाराम वैश्य ने बताया कि कस्बा व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। हाइवे किनारे होने का फायदा व्यापारियों व नागरिकों को मिलता है। इसके अलावा मंडी होने के कारण काश्तकारों को भी फायदा मिलता है। इस लिहाज से कस्बे का विकास कराया गया है ताकि व्यापारियों को दिक्कत न हो। कस्बे के विकास में अभी भी बहुत कमियां हैं। अब नए नगर अध्यक्ष को इन कमियों को दूर करना होगा।
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