कातिल जोन बना हाईवे
कौशांबी : पूरामुफ्ती से लेकर अझुवा के बीच से गुजरा नेशनल हाईवे एनएच-2 कातिल जोन बन गया है। बेहद करीन
कौशांबी : पूरामुफ्ती से लेकर अझुवा के बीच से गुजरा नेशनल हाईवे एनएच-2 कातिल जोन बन गया है। बेहद करीने से सजाई गई इस सड़क में तमाम ऐसी खामियां हैं, जिसकी वजह से हादसे हो रहे हैं। अब तो हालात यह है कि पुलिस की पेट्रो¨लग जीप को भी यहां सिर्फ लाश उठाने के लिए रखा गया है। नेशनल हाईवे पर कामन सेंटर बनाया जाना है, जो अभी निर्माणाधीन है। ऐसे हालात में यहां होने वाले हादसों के जख्मियों को सिर्फ 108 की एंबुलेंस उठाती है। यह एंबुलेंस की मजबूरी है कि उसे नजदीकी सरकारी अस्पताल में घायलों को ले जाना पड़ता है। वहां से सिर्फ रेफर और रेफर का खेल होता है। ऐसे हालात में घायलों की जान बचना तो दूर बिना इलाज के उन्हें काल के गाल में समाना पड़ रहा है।
नेशनल हाईवे के बीचोंबीच डिवाइडर बना हुआ है। इसमें जो कट बने हैं, उसके पास तक कनेर आदि के पेड़ लगा दिए गए हैं। इनकी शाखाओं के चलते सामने वाली गाड़ियों की लाइट रात के वक्त नहीं दीख पड़तीं। लेन क्रास करते वक्त अक्सर वाहन चालक सामने से आ रही गाड़ियों की तेज लाइट देखकर घबरा जाता है। इसी वजह से हादसे बढ़ रहे हैं। पुलिस विभाग की ओर से नेशनल हाईवे अथारिटी को बाकायदा पत्र लिखकर बताया गया है कि वह कट के पास सिग्लन लाइट लगाएं। साथ ही जो सड़क के डिवाइडर पर पौधे लगे हैं, उनकी समय-समय पर छटाई कराई जाए। इसके बावजूद भी एनएच अथारिटी ने सड़क बनाकर तो छोड़ दिया,लेकिन सुरक्षा के मापदंड को ताक पर ही रखा है। पुलिस विभाग के सूत्रों की मानें तो पिछले वर्ष सड़क हादसों में करीब 275 लोगोंकी मौत हुई। इसमें अधिकांश हादसे नेशनल हाईवे पर ही हुए। एक हजार से अधिक लोग अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर हुए। पुलिस विभाग की तरफ से भी संकेतक लगाने के इंतजाम नहीं हैं। नतीजतन नई व्यवस्था के बीच पुरानी लीक पीटी जा रही है।
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जागरुकता का नहीं दिखा असर
यातायात पुलिस नवंबर माह में विभिन्न विद्यालयों, प्रमुख चौराहे पर वाहन चालकों के साथ ही अन्य लोगों को यातायात नियमों के लेकर जागरुक करने के लिए अभियान चलाया, लेकिन इस अभियान का आम लोगों पर कोई असर नहीं दे रहा है। अक्सर शाम को होने वाले सड़क हादसों में शराब के कारण वाहन अनियंत्रित होने की बात सामने आती है। कोखराज थाना क्षेत्र में एक पखवाड़े पहले इसी थाना क्षेत्र में एक तेज रफ्तार बोलेरो पीछे से एक दंपती को ठोकर मारते हुए निकल गए। पुलिस ने वाहन को पकड़ा तो जांच के दौरान पता चला कि चालक ने शराब पी रखी थी। इसके कारण उसका वाहन से नियंत्रण खो गया और हादसा हो गया।
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नहीं है ट्रैफिक सिग्नल
कौशांबी के मध्य से लगभग 65 किमी का नेशनल हाइवे गुजरा है। इस हाइवे के किनारे प्रमुख बाजार व कस्बे स्थित हैं। यहां पर अक्सर जाम की स्थित बनी रहती है, लेकिन अब तक इन स्थानों पर यातायात विभाग के द्वारा ट्रैफिक सिग्नल नहीं लगाया गया। केवल मैनुअल तरीके से यातायात नियंत्रण के लिए प्रयास किया जा रहा है। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि कौशांबी जिले में एक भी ट्रैफिक सिग्नल नहीं लगा। यह भी हादसे का कारण बन रहा है।
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समाजसेवी ग्रामीणों को करते हैं जागरुक
सामाजसेवी संस्था नेहरु युवा मंडल द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को सुरक्षित यातायात के प्रति शिक्षित करने के साथ ही समाज में होने वाले ट्रैफिक संबंधी परिवर्तन के प्रति जागरुक किया जाता है। संस्था प्रमुख उमेश पांडेय की मानें तो वह लोगों को जान जोखिम में न डालकर हमेशा सुरक्षित यात्रा के लिए प्रेरित करते हैं। उनके इस कार्य को कई लोगों ने नजीर मानते हुए हेलमेट का प्रयोग तो शुरू कर दिया है, लेकिन उमेश अपनी इस पहले से खुश नहीं है। उनका कहना है कि जब तक शत प्रतिशत लोग सुरक्षित यात्रा को लेकर सजग नहीं होते यह अभियान चलता रहेगा।