शीतला अष्टमी पर भक्तों ने लगाई आस्था की डुबकी
कौशांबी : शीतला अष्टमी पर मंगलवार को शीतला धाम कड़ा में श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ा। सुबह से ही भक्
कौशांबी : शीतला अष्टमी पर मंगलवार को शीतला धाम कड़ा में श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ा। सुबह से ही भक्तों का हुजूम गाते बजाते गांवों से कुबरी गंगा घाट पहुंचा। गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के बाद भक्तों का हुजूम देवी दर्शन के लिए मंदिर पहुंचा। मां शीतला के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं ने मुरादें मांगी और मैया का जयकारा लगाते हुए मेले का लुफ्त उठाया।
शक्तिपीठ मां शीतला की दरबार में सदियों से आषाढ़ महीने में पांच दिवसीय मेले का आयोजन होता है। इन दिनों देवी दरबार में भक्तों का हुजूम रोजाना देवी दर्शन को पहुंचता है। मंगलवार को शीतला अष्टमी पर बांदा, चित्रकूट,मिर्जापुर, जौनपुर, भदोही, प्रतापगढ़, जौनपुर आदि जनपदों के लोग माँ के दरबार में मत्था टेकने के लिए आए। चित्रकूट से गंगा स्नान और देवी दर्शन के लिए आए छेदी ¨सह तोमर ने बताया कि आषाढ़ की शीतला अष्टमी पर गंगा में डुबकी लगाने से सारी भव बाधा समाप्त हो जाती है और लोगों का जीवन धन्य हो जाता है। यह परम्परा सदियों से चली आ रही है मंगलवार के दिन सुबह भोर से ही कुबरी घाट कड़ा में मां गंगे की निर्मल धारा में लोग डुबकी लगाकर गंगा मां में पुष्प अर्पित किये हर हर गंगे के नारे से कुबरी घाट गुंजायमान रहा। इसी तरह कलेर्श्वर घाट, बाजार घाट, हनुमान घाट पर भक्तों की भारी भीड़ स्नान के लिए लगी रही रायबरेली नवाबगंज निवासी शिव ¨सह का कहना है कि भक्तों की भक्ति के अनेक रूप होते है हर रूप से भक्त अपने इष्ट देव को रिझाना चाहता है तमाम श्रद्धालु मां के धाम में लेटकर परिक्रमा किया। उनका कहना है कि भक्त अपनी मन्नत पूरी हो जाने पर ऐसी कठिन परिक्रमा करते हैं। मां की अनुकम्पा से उनके सभी दुखों का निवारण हो जाता है इसी मान्यता से लोग शीतला अष्टमी के दिन अधिक संख्या में गंगा स्नान व देवी दर्शन के लिए आते हैं। गंगा स्नान और देवी दर्शन के बाद महिलाओं और बच्चों ने मेले का भी लुफ्त उठाया।
आषाढ़ की शीतला अष्टमी पर देवी धाम कड़ा में अव्यवस्था का आलम रहा। जिला प्रशासन की ओर से लोगों की अपेक्षा के अनुरूप व्यवस्था नहीं की गई थी जिसको लेकर श्रद्धालुओं में रोष देखने को मिला।
आषाढ़ की शीतला अष्टमी पर मंगलवार को शीतला धाम में गैर जनपदों से मां के दर्शन के लिए श्रद्धालु आते हैं। जौनपुर से आये मनोज ¨सह का कहना है कि सदियों से पूर्वज महारानी का पालना लेकर घुमाते हैं और शीतला धाम में आकर गंगा स्नान के बाद हाथों में कलश में गंगा जल लेकर और पालना ले जाकर मां के सामने बनी जलाहरी में जल डालते है और महारानी को पालना भेंट करते हैं। जिसके चलते उन्होने बताया कि गांव में चेचक व घरों की भव बाधांए दूर हो जाती हैं इसी परम्पराओं के चलते मां के दर्शन के लिए लोग हर वर्ष कड़ा धाम आते हैं
कड़ा धाम स्थित शीतला माँ के मंदिर में इन दिनों आषाढ़ मेला चल रहा है। शीतला अष्टमी पर मंगलवार को पार्किग के नाम पर जमकर लोगों से धन उगाही की गई। विरोध करने पर पार्किग संचालक झगडे़ पर उतारू हो जाते थे। फतेहपुर जनपद के मनमोहन ¨सह व शिवनायक ¨सह ने आरोप लगाया है कि धाम में लगे बैरियर पर लोग मनमानी तरीके से पैसे ले रहे थे जरा से विरोध करने पर सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मी भी वाहन चालकों पर धौंस जमाते थे जिसके चलते लोग पैसा देना ही उचित समझते थे इस खेल में स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से जमकर उगाही की गई।
मेले में प्रशासन द्वारा पानी के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई थी लाखों की भीड़ में केवल दो तीन टैंकरों को खड़ा कर प्रशासन अपनी पीठ थप थपा रही थी इतने बडे मेले में कम से कम दो दर्जन से अधिक पानी के टैंकरों की आवश्यकता थी लेकिन व्यवस्था के जिम्मेदार इस व्यवस्था को पूरी करने में नाकाम रहा और श्रद्धालुओं को हैंडपंपों से निकल रहे कीचड़ युक्त पानी पीने के लिए मजबूर थे और चारों तरफ गंदगी ही गंदगी का बोल बाला था सफाई कर्मी नदारद थे जिससे भक्तों में रोष था।