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तीस सितंबर तक घोषित करें संपत्ति

कौशांबी : भारत सरकार की आयकर योजना घोषणा 2016 पर एक गोष्ठी मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित बासुदत्ता सभा

By Edited By: Published: Tue, 28 Jun 2016 11:40 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2016 11:40 PM (IST)
तीस सितंबर तक घोषित करें संपत्ति

कौशांबी : भारत सरकार की आयकर योजना घोषणा 2016 पर एक गोष्ठी मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित बासुदत्ता सभागार में हुई। जिसमें उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथ योजना को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान उन्हें आयकर समय से जमा करने के लिए प्रेरित किया गया।

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अपर आयुक्त आयकर एके पांडेय ने कहा कि केंद्र सरकार ने आयकर दाताओं को एक सुनहरा अवसर दिया है। जिसमें सभी अपनी आय की घोषणा कर सकते हैं। कहाकि एक जून से 30 सितंबर 2016 तक अघोषित संपत्ति को घोषित कर सकते हैं। जिसमें 30 फीसद टैक्स व सात फीसद जुर्माना ही उन्हें देना होगा। इस संबंध में आयकर विभाग किसी से संपत्ति को लेकर कोई अन्य जानकारी नहीं लेगा। संपत्ति घोषणा करने वाले के पास ही रहेगी। इसे जब्त नहीं किया जाएगा। आयक कर अधिकारी मो. जुनैद अहमद ने कहा कि यदि कोई संपत्ति की घोषणा नहीं करता। इसके बाद आयकर विभाग की छापामारी में संपत्ति मिलती है तो आरोपी से टैक्स व टैक्स का 300 सौ फीसद जुर्माना वसूला जाएगा। इसके साथ ही तीन-सात साल की सजा की भी प्रावधान है। व्यापार मंडल के प्रांतीय महामंत्री रमेश अग्रहरि ने अधिकारियों से आयकर की गणन के संबंध में जानकारी मांगी। अधिकारियों ने बताया कि अधिकृत मूल्यांकन कर्ता से संपत्ति का मूल्यांकन कराया जाएगा। जिसके बाद उसपर 45 फीसद का टैक्स की वसूली की जाएगी। इस दौरान अधिवक्ता राम प्रकाश मिश्रा, शिवअभिलाष मिश्र, प्रमोद कुमार द्विवेदी, विनोद केशरवानी, प्रवेश केशरवानी, नरोत्तम केशरवानी, पीयूष रस्तोगी, प्रेमचंद्र चौधरी, राजू वर्मा, नितुल अग्रहरि व राकेश केशरवानी आदि मौजूद रहें।

उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री रमेश अग्रहरि ने केंद्र सरकार के द्वारा घोषित आयकर योजना का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह आम लोगों के हित के लिए नहीं है। गोष्ठी के दौरान उन्होंने अधिकारियों को बताया कि यदि कोई गरीब तबके का व्यक्ति दो, तीन व चार लाख की कोई संपत्ति खरीदता है और आज उसकी कीमत करोड़ों में होती है तो ऐसे में वह गरीब क्या करेंगा। उसके पास नकदी भी नहीं है जिससे वह टैक्स दे सके। ऐसे में उसके पास जमीन को बेचने या कर्ज लेने के अलाव कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग निरक्षर हैं। जिससे उनको इस नियम की जानकारी समय से नहीं हो पाएगी ऐसे में उसके खिलाफ कार्रवाई करना गलत होगा। उन्होंने इस प्रणाली को आम लोगों के हित पर कुठाराघात बताया।


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