केंद्र व प्रदेश सरकार का किया विरोध
कौशांबी : केंद्र व प्रदेश सरकार की जन विरोधी नीतियों को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया है। साथ
कौशांबी : केंद्र व प्रदेश सरकार की जन विरोधी नीतियों को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया है। साथ ही वह ग्रामीण क्षेत्रों में चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक करेंगे। इसके साथ ही जन सामान्य के बीच जाकर उनकी समस्याओं से रूबरू होंगे, साथ ही इसके लिए आंदोलन करेंगे।
इस संबंध में गुरुवार को मंझनपुर मुख्यालय स्थित पार्टी कार्यालय में बैठक कर कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की। जिलाध्यक्ष तलत अजीम ने कहा कि केंद्र की भाजपा व प्रदेश की सपा सरकार को किसानों गरीबों व बेघरों की ¨चता नहीं है। दोनों का उद्देश्य हर हाल में सत्ता में बना रहना ही रह गया है। कहा कि योजनाओं के नाम पर लोगों को परेशान किया जा रहा है। कोई भी योजना ऐसी नहीं है, जिसका आमजन को लाभ मिल सके। कांग्रेस के शासन काल में बनी योजनाओं से ही देश की जनता का भला हो रहा है। दोनों ही सरकारों की कोई भी योजना आज धरातल पर नहीं दिख रही। जिला उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि किसानों के हित के लिए गेहूं क्रय केंद्र खोलने का दावा किया गया है। क्रय केंद्रों पर मात्र बैनर ही टंगे हैं। किसान केंद्रों तक फसल को लाकर फिर घर लौट रहे हैं। केंद्र न खुलने से किसानों को प्राइवेट दुकानदारों की शरण में जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सूबे के मुखिया उद्घाटन व विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर साइकिल चला रहे हैं। सारी योजनाएं लालीपाप शरीके बन गई है। उपाध्यक्ष राजेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार में महंगाई से लोग परेशान हैं। बेरोजगारी दूर करने व कालेधन को वापस लाने जैसे मामले सिर्फ चुनावी मुद्दे बनकर रह गए हैं। इसको लेकर अब तक कोई कदम नहीं उठाया जा सका।
बैठक में रामनरेश पासी, सत्येंद्र प्रताप ¨सह, एहसान उस्मानी, राजेंद्र मिश्रा, रवि कुमार चौधरी, संतोष कुमार शुक्ला, विजय ¨सह, दुर्गेश प्रजापति, मो. शफीक, ¨पटू श्रीवास्तव, मनोज ¨सह पटेल व विजमा केशरवानी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष तलत अजीम ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं से लोगों को लाभ नहीं मिल पर रहा। अधिकांश योजनाएं कुछ लोगों तक सिमट कर रह गई हैं। जिसको लेकर नौ मई को पार्टी कार्यकर्ता व पदाधिकारी जिला प्रशासन का घेराव कर विरोध जताएंगे।