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पेयजल संकट से निजात दिलाने में भारी पड़ रहा बजट

कौशांबी : पर्याप्त वर्षा न होने व लगातार जल दोहन होने की वजह से जनपद का भूजल स्तर काफी गिर गया है। इ

By Edited By: Published: Thu, 05 May 2016 11:44 PM (IST)Updated: Thu, 05 May 2016 11:44 PM (IST)
पेयजल संकट से निजात दिलाने में भारी पड़ रहा बजट

कौशांबी : पर्याप्त वर्षा न होने व लगातार जल दोहन होने की वजह से जनपद का भूजल स्तर काफी गिर गया है। इसकी वजह से जिले की ग्राम पंचायतों में लगाए गए अधिकतर हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया है। पानी के लिए लोगों को मारामारी करनी पड़ रही है। इसकी शिकायत भी ग्रामीणों ने पूर्व में ग्राम पंचायत व प्रशासनिक अधिकारियों से की थी। साथ ही बिगड़े हुए हैंडपंपों को पुन: बो¨रग कराने के लिए जल निगम एक्सईएन को सूची भी सौंपी थी, लेकिन राज्य पेयजल योजना के खाते में धनराशि न होने से समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है।

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जनपद का भूजल स्तर काफी गिर गया है। इसकी वजह से जिले के छह विकास खंडों को शासन ने चार वर्ष पूर्व डार्कजोन घोषित कर दिया है। सिराथू, कड़ा, मूरतगंज, चायल, नेवादा, मंझनपुर विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में पेयजल की आपूर्ति के लिए लगाए गए अधिकतर हैंडपंप पानी देना बंद कर दिया है। इसकी वजह से सैकड़ों गांव लोगों को पेयजल की भारी किल्लत से जूझना पड़ रहा है। बिगड़े हुए हैंडपंपों की पुन: बो¨रग कराने के लिए ग्राम पंचायतों ने द्वारा पूर्व में सूची सौंपी गई थी। हालांकि बजट न होने की वजह से पेयजल की समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है और लोगों को पेयजल आपूर्ति के लिए नलकूपों का सहारा लेना पड़ रहा है।

दोआबा में इन दिनों पेयजल की भारी किल्लत है। इस समस्या के निराकरण के लिए जिला प्रशासन व जल निगम ने राज्य पेयजल योजना से धन की मांग की है। महीनों बीतने के बाद भी शासन से धनराशि नहीं अवमुक्त की गई। इससे बिगड़े हुए करीब चार हजार हैंडपंपों की बो¨रग नहीं हो पा रही है। इसकी शिकायत जनपदवासियों ने जन प्रतिनिधियों से की थी। इसके बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।


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