नमो का निर्देश भक्त को नामंजूर
सरायअकिल (कौशांबी): इसे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आस्था कहें या कुछ और..। सरायअकिल
सरायअकिल (कौशांबी): इसे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आस्था कहें या कुछ और..। सरायअकिल के भगवानपुर गांव स्थित एक शिव मंदिर में उनकी (नरेंद्र मोदी की) मूíत अब भी जस की तस है। यह तब है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद की पूजा किए जाने पर नाराजगी जताई है। ¨हदू धर्म सेना की तरफ से भी आपत्ति भी जताई जा चुकी है, लेकिन भक्त बृजेंद्र नारायण मिश्र हैं कि अपनी धुन छोड़ने को तैयार नहीं दिखते।
गांव के शिवमंदिर में 21 जनवरी 2014 को बृजेंद्र नारायण ने तब भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के दावेदार बताए जा रहे नरेंद्र मोदी की मूíत स्थापित कराई थी। प्रतिदिन शाम को मंदिर में भजन-कीर्तन होता था। बृजेंद्र नारायण मिश्र ने उस वक्त कहा था कि जब तक मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद यहां नहीं आएंगे, तब तक पूजा चलती रहेगी। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी अब तक कौशांबी नहीं आए हैं। कब आएंगे, यह भी तय नहीं है। कुछ समय पहले देश के कई हिस्सों में इस तरह की पूजा-पाठ होने की जानकारी सामने आई थी। इस पर प्रधानमंत्री ने नाराजगी जताते हुए अपने समर्थकों से आह्वान किया था कि वह भगवान का अपमान न करें लेकिन इसके बावजूद भगवानपुर गांव के शिवमंदिर में उनकी मूर्ति नहीं हटाई गई। शिवलिंग के पास ही पीएम की मूíत रखी है। ¨हदू धर्म सेना की शिकायत पर पुलिस महानिदेशक ने सीओ चायल ने जांच भी कराई, लेकिन भगवानपुर में कुछ नहीं बदला।
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क्या कहते हैं भक्त
मंदिर में बतौर पुजारी कार्य करने वाले बृजेंद्र नारायण मिश्र के मुताबिक वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूजा नहीं करते हैं। शिव की आराधना के लिए पीएम व उनके सहयोगी के रूप में वह ऐसा करते हैं ताकि देश हित में भगवान शंकर से पीएम मोदी को शक्ति हासिल हो और देश तरक्की करे।
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बंद हो गई थी पूजा: संतोष
भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष ¨सह पटेल ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद की पूजा-पाठ पर बहुत पहले रोक लगाई थी। भगवानपुर के शिवमंदिर में पूजा-पाठ हो रही थी,लेकिन बंद हो गई थी। उन्होंने कहा कि यदि पूजा-पाठ हो रही है तो गलत है और इसे बंद कराया जाएगा।