अटूट प्रेम से ही भगवान की प्राप्त होती है कृपा
कौशांबी : मंझनपुर तहसील के टेनशाह आलमाबाद में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा में मंगलवार को वृंदावन से पधा
कौशांबी : मंझनपुर तहसील के टेनशाह आलमाबाद में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा में मंगलवार को वृंदावन से पधारे कथावाचक आचार्य गणेश मिश्र ने श्रद्धालुओं को श्रीराम जन्म वृतांत की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि अयोध्या के पुण्यात्मा राजा दशरथ के घर संतान उत्पन्न नहीं होने से वे काफी ¨चतित थे। उन्होंने गुरु वशिष्ठ के कहने पर यज्ञ कराया। यज्ञ के प्रताप से राजा दशरथ के घर चार राजकुमारों का जन्म हुआ। जिनमें सबसे बड़े पुत्र के रूप में विष्णु अवतार श्रीराम ने जन्म लिया। पुत्र प्राप्ति के बाद अयोध्या नगरी में भारी उत्सव मनाया गया। कथा में श्रीराम की बाल लीलाओं का वर्णन सुनाया गया। जिसे सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। उन्होंने बताया की पवित्र धाíमक ग्रंथ रामायण श्रीराम की पुण्य कथा है। जिसका श्रवण वाचन करने से श्रीराम प्रसन्न होकर मन वांछित फल देते हैं। कथावाचक ने कहा कि अगर दु:ख नहीं होता तो प्रभु की याद न आती। अंधेरे में रहने वाले लोग ही प्रकाश के महत्व को भलीभांति समझ पाते हैं। यह मानवीय स्वभाव है कि लोग सहजता से प्राप्त वस्तु की ज्यादा कद्र नहीं करते हैं। चक्रवर्ती महाराज दशरथ के घर जब चार पुत्र पैदा हुए तो उन्हें काफी प्रसन्नता हुई, क्योंकि उनमें लंबे समय तक पुत्र प्राप्ति की तड़प विद्यमान थी। रामकथा का सार बताते हुए आचार्य गणेश मिश्र ने कहा कि अटूट प्रेम से ही भगवान की कृपा प्राप्त होती है। प्रेम के वशीभूत होकर ही प्रभु निर्गुण से सगुण रूप में दर्शन देते हैं। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने श्रीराम कथा का श्रवण कर पुण्य कमाया। इस दौरान कृष्ण जन्म, गजेंद्र मोक्ष व प्रहलाद की कथा सुनाई भी सुनाई गई। श्रीमद् भागवत कथा के आयोजक रामसखा पांडेय ने बताया कि 30 मई तक कथा का आयोजन होगा।