मिस मैनेजमेंट है हादसे की वजह
कौशांबी : कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) प्रशांत कुमार वाजपेयी के मंगलवार को अटसराय स्टेशन पहुंचने
कौशांबी : कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) प्रशांत कुमार वाजपेयी के मंगलवार को अटसराय स्टेशन पहुंचने के बाद कुछ अलग ही तस्वीर नजर आई। पूछताछ से अफसरों के माथे पर शिकन तारी दिखी। कुछ को फटकार मिली तो कुछ को सावधान रहने की हिदायत। मौके पर मिले प्रमाणों से घटना की वजह प्रथम दृष्टया मिस मैनेजमेंट भी मानी गई। हालांकि सीआरएस का कहना है कि महीने भर में अंतरिम रिपोर्ट दे दी जाएगी।
सीआरएस वाजपेयी पूर्वाह्न 11 बजे मगध एक्सप्रेस से अटसराय रेलवे स्टेशन पहुंचे। उतरते ही इंजन का मुआयना करने के बाद उन्होंने टूटी पटरी की बारीकी से जांच-पड़ताल की। टूटी पटरियों को जोड़कर फोटो ¨खचवाई। फिर एस-3, एस-4, एस-5, एस-6 बोगी के गेट का ¨फगर प्रिट नमूना लिया । ¨फगर ¨प्रट का नमूना लेने का आशय साफ था कि बोगी की साइड में किस ओर सबसे ज्यादा प्रेशर था। इसके बाद सीआरएस ने सिराथू-कनवार सेक्शन के रेल पथ निरीक्षक (पीडब्ल्यूआई) अनिल यादव को तलब किया। सवाल जवाब के दौर में संतोषजनक जवाब न मिलने पर पीडब्ल्यूआई को फटकार सुननी पड़ी। सिराथू और कनवार रेलवे स्टेशन मास्टर को भी डांट पड़ी। डीआरएम से उन्होंने घटना से पहले और घटना के बाद की ¨बदुवार रिपोर्ट मौके पर ही मांगी। यह लेने के बाद भी सीआरएस संतुष्ट नहीं दिखे। करीब दो घंटे की जांच में सीआरएस को कई खामियां मिलीं। उन्होंने डीआरएम से कहाकि मिस मैनेजमेंट की वजह से हादसा हुआ है। किसी को भी बख्शा नहीं जाए। वैसे मीडिया वालों से अनौपचारिक चर्चा में सीआरएस ने बताया कि हादसा किन वजहों से हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इसकी प्राथमिक रिपोर्ट एक महीने के भीतर तैयार की जाएगी।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि सीआरएस बुधवार सुबह 10 बजे मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के कक्ष में बैठेंगे और घटना की जांच करेंगे। साक्ष्य देने के इच्छुक लोग उनसे मिल सकते हैं। एनसीआर के सीपीआरओ बिजय कुमार का कहना है कि नौ कोच बेपटरी हुए थे। एक कोच को हटाने में दो घंटे से ज्यादा का वक्त लग रहा है।
मूरी एक्सप्रेस से थोड़ी देर पहले अटसराय स्टेशन से गुजरी मालगाड़ी के चालक द्वारा ट्रैक में जर्क की शिकायत गई थी। सवाल यह उठ रहा है कि ट्रैक के ठीक होने की हरीझंडी मिली थी तो फिर इतना बड़ा हादसा कैसे हो गया? कुछ ऐसे ही सवाल उठे तो सीपीआरओ (एनसीआर) ने भी मंगलवार को लापरवाही और चूक से इंकार नहीं किया। सीपीआरओ कहते हैं कि अनवार स्टेशन के पास 24 मई को पेंड्राल क्लिप निकाले जाने से भले ही कोई हादसा नहीं हुआ, लेकिन संभव है कि मूरी एक्सप्रेस गुजरने से पहले ऐसा कुछ हुआ हो। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हादसे की असल वजह मालूम चलेगी। सीपीआरओ ने हादसे की जांच खुफिया एजेंसियों द्वारा किए जाने और मौके पर एक महिला का कटा हाथ मिलने की जानकारी से इंकार किया। ट्रेनों का परिचालन बाधित होने से कुल 1686 यात्रियों ने अपना टिकट रद्द कराया है। इससे रेलवे को यात्रियों को छह लाख 82 हजार रुपये से ज्यादा रिफंड करना पड़ा है।
मुरी एक्सप्रेस सोमवार को जब दुर्घटनाग्रस्त हुई, उसी समय डाउन लाइन पर सामने से मालगाड़ी आ रही थी। मुरी एक्सप्रेस के चालक हीरालाल भारतीय ने फ्लैशर लाइट को जलाकर मालगाड़ी को रोक दिया था। अन्यथा वह भी हादसे की शिकार हो जाती।