जिला पंचायत की बढ़ीं पांच सीटें
कौशांबी : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2015 के लिए परिसीमन हो गया है। जिला पंचायत की पांच और क्षेत्र पंचा
कौशांबी : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2015 के लिए परिसीमन हो गया है। जिला पंचायत की पांच और क्षेत्र पंचायत की 134 सीटें बढ़ाई गई हैं। परिसीमन को डीएम ने हरी झंडी दे दी है। जिला पंचायत राज अधिकारी ने इसकी सूची जारी कर दी है। सूची देखने के लिए देर शाम तक जनप्रतिनिधि हलाकान रहे। जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत की सीटों को लेकर जनप्रतिनिधयों में खींचतान दिखी।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2015 को संपन्न कराने की तैयारियां तेज हो चुकी है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर अबकी पंचायत चुनाव के लिए नए सिरे से परिसीमन किया गया है। 58 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है। जबकि हाल ही में जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत की सीटों का परिसीमन किया गया। परिसीमन के तहत जिला पंचायत की पांच सीटें बढ़ी हैं। 50 हजार आबादी के मानक के हिसाब से जिला पंचायत की सीटों का निर्धारण किया गया है। जनपद में जिला पंचायत की 24 सीटें थीं। अब 29 सीटें हो गई हैं। क्षेत्र पंचायत की अब तक 603 सीटें थीं। परिसीमन के बाद अब क्षेत्र पंचायत की कुल 737 सीटें हो गई हैं। कुल 134 सीटों का इजाफा क्षेत्र पंचायत में हुआ है। जिला पंचायत राज अधिकारी आरके भारती ने परिसीमन का प्रस्ताव जिलाधिकारी राजमणि यादव को मंगलवार को दिया। डीएम ने निरीक्षण के बाद परिसीमन को हरी झंडी दे दी है। अब यह प्रस्ताव शासन को स्वीकृति के लिए भेजेगा। परिसीमन की अनंतिम सूची जारी की गई है। आपत्ति दर्ज कराने के लिए लोगों से आठ अप्रैल तक की मोहलत दी गई है।
डीपीआरओ कार्यालय में ही दर्ज होगी आपत्ति : जिला पंचायत राज अधिकारी आरके भारती ने बताया कि जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत की बढ़ी हुई सीटों की अनंतिम सूची जारी कर दी गई है। यदि किसी को आपत्ति दर्ज करानी है तो वह डीपीआरओ कार्यालय में ही आपत्ति दर्ज कराएं। यदि किसी दूसरे दफ्तर में आपत्ति दर्ज कराई गई तो वह मान्य नहीं होगी। डीपीआरओ ने बताया कि आपत्ति आठ अप्रैल तक ही ली जाएगी।
सीटों के साथ बदलेगी राजनीति : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए हुए परिसीमन के बाद दोआबा की राजनीति में भी बदलाव आएगा। नए परिसीमन से कई मठाधीशों को झटका लगने वाला है। सबसे ज्यादा जिला पंचायत की सीटें प्रभावित होंगी। एक गुट अथवा एक वर्ग का वोट पाकर जिला पंचायत पहुंचने वाले लोगों को नए परिसीमन के तहत अब मशक्कत करनी होगी। साथ ही वोटों का गुणा-गणित भी समझना होगा, क्योंकि दिग्गजों का वोट बैंक इधर से उधर हो चुका है। जिला पंचायत सीटों में इजाफा होने के बाद राजनीतिक दलों के लोग जिला पंचायत सीटों का वार्ड जानने को बेताब रहे। किस सीट में कितने गांव हैं और क्या स्थिति है, इसको लेकर अभी से मठाधीश हिसाब-किताब लगाने में जुट गए हैं।