यूपी बोर्ड परीक्षा = केंद्रों को लेकर फूटा नेताओं का गुस्सा
कौशांबी : यूपी बोर्ड परीक्षा 2015 की तैयारी में प्रशासन ने पहले चरण में मजबूती से कदम रखा है। परीक्ष
कौशांबी : यूपी बोर्ड परीक्षा 2015 की तैयारी में प्रशासन ने पहले चरण में मजबूती से कदम रखा है। परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में प्रशासन ने किसी की नहीं सुनी। अफसरों की ही जांच रिपोर्ट पर भरोसा जताते हुए केंद्रों की सूची पर लगा दी। सूची सार्वजनिक होते ही सत्तापक्ष व विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मामले पर प्रशासन को घेरना शुरू कर दिया है। कई परीक्षा केंद्रों के मानक पर सवालिया निशान लगाया गया है। इससे दिन भर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में अफरातफरी का माहौल रहा।
जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश्वर ने मंगलवार को परीक्षा केंद्रों की नई सूची जारी की। पहले 72 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। दूसरी सूची में सात केंद्रों का इजाफा करते हुए 79 परीक्षा केंद्र बनाए गए। पहली सूची में से 19 परीक्षा केंद्र काटकर नए स्कूलों को केंद्र बनाया गया है। सूची जारी होते ही शिक्षा माफिया व नेताओं के होश उड़ गए। डीआइओएस ने उन्हीं स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया, जिनकी जांच कर अधिकारियों ने रिपोर्ट सौंपी है। सूची आने के बाद नेताओं को इसका पता चला तो वह आपे से बाहर हो गए। सत्तापक्ष व विपक्षी नेता इस मामले में एक साथ नजर आ रहे हैं। बुधवार को जिला मुख्यालय में परीक्षा केंद्रों को लेकर प्रत्यावेदन लेकर पहुंचे नेताओं ने कई केंद्रों का मानक पूरा न होने का आरोप लगाया। इसको जिलाधिकारी ने गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया है कि यदि कोई कालेज मानक पर खरा नहीं उतर रहा है और उसे परीक्षा केंद्र बनाया गया है तो दोबारा जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
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अब शासन से बनवाएंगे सेंटर
कौशांबी : जिला कमेटी ने परीक्षा केंद्रों का निर्धारण कर दिया है। जो कालेज सेंटर नहीं बन सके हैं, अब उनको परीक्षा केंद्र बनवाने के लिए नेताओं ने लखनऊ का चक्कर काटना शुरू कर दिया है। नेताओं का कहना है कि जिला कमेटी ने नहीं बनाया तो क्या हुआ। वह शासन से परीक्षा केंद्र बनवाएंगे। साथ ही जिला कमेटी की मनमानी की शिकायत भी दर्ज कराएंगे।
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सिराथू क्षेत्र रहा अव्वल
कौशांबी : जिला कमेटी ने सबसे ज्यादा सिराथू क्षेत्र के स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया है। इनमें सवित्त, राजकीय कालेज के अलावा 30 वित्तविहीन विद्यालय परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। सूची जारी होने के बाद इसको लेकर तमाम तरह की चर्चाएं होती रहीं। लोगों का मानना है कि परीक्षार्थियों को परीक्षा के दौरान दिक्कत हो सकती है। परीक्षाíथयों को सेंटर आवंटन में परेशानी होगी, साथ ही चायल व मंझनपुर क्षेत्र के परीक्षार्थियों को तय दूरी से ज्यादा दूर वाले परीक्षा केंद्रों पर जाना पड़ सकता है।