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झाड़ू न लगाने पर प्रदेश सचिव निलंबित

कौशांबी : राष्ट्रीय स्वच्छता कार्यक्रम की सफलता की राह में रोड़ा बन रहे सफाई कर्मचारी संघ के नेताओं प

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 05:37 PM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 05:37 PM (IST)
झाड़ू न लगाने पर प्रदेश सचिव निलंबित

कौशांबी : राष्ट्रीय स्वच्छता कार्यक्रम की सफलता की राह में रोड़ा बन रहे सफाई कर्मचारी संघ के नेताओं पर डीपीआरओ की निगाह तिरछी हो गई है। टोली से गायब रहने पर बुधवार को संघ के प्रदेश सचिव को निलंबित कर दिया गया। इस जानकारी होते ही जहां एक ओर संघ में खलबली मच गई, वहीं कर्मचारी इस कार्रवाई से गदगद नजर आए।

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राष्ट्रीय स्वच्छता कार्यक्रम को परवान चढ़ाने के लिए नेता, अभिनेता, अधिकारी जगह-जगह झाड़ू लगा रहे हैं। वहीं जनपद के सफाई कर्मचारी संघ के नेताओं को झाड़ू उठाने में शर्म महसूस हो रही है। संघ के नेता अपनी जगह पर जबरन कर्मचारियों से झाड़ू लगवाकर अपने हिस्से का काम करा रहे थे। अनेठा ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मी शिवशंकर कुशवाहा की टोली में ड्यूटी लगाई गई है। वह सफाई कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश सचिव है, इसलिए साफ सफाई करने नहीं जाता था। बुधवार को अफजलपुरवारी गांव में सफाई कर्मचारियों की एक टोली सफाई करने पहुंची। गांव के लोगों ने जिला पंचायत राज अधिकारी आरके भारती को बताया कि छह सदस्यों में एक सदस्य नहीं आया। एडीओ पंचायत से डीपीआरओ ने टोली में शामिल दो कर्मचारियों का मोबाइल नंबर लिया। इसके बाद सफाई कर्मी रामलोटन से बातचीत की। रामलोटन ने बताया कि टोली में गिरधारी लाल, कमल कुमार, रमेश कुमार, जितेंद्र शामिल हैं। संघ के नेता शिवशंकर कुशवाहा गायब हैं। सूचना सही होने पर डीपीआरओ ने शिवशंकर कुशवाहा को निलंबित कर दिया।

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नेताओं की मांगी गई सूची

कौशांबी : जिला पंचायत राज अधिकारी आरके भारती ने संघ से जुड़े कर्मचारियों की सूची मांगी है। संघ के नेताओं को चिह्नित किया जा रहा है। सूची तैयार होने के बाद इनकी निगरानी कराई जाएगी। यदि यह काम नहीं करेंगे तो जांच कराकर इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीपीआरओ ने चेतावनी दी है कि संघ में शामिल कर्मचारी अपना काम करें। यदि लापरवाही करेंगे तो कार्रवाई होगी।

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कर्मचारियों से करते हैं वसूली

कौशांबी : संघ के नाम पर पदाधिकारी कर्मचारियों से वसूली भी करते हैं। इसकी भी शिकायत कर्मचारियों ने अधिकारियों से की है। डीपीआरओ ने कहाकि यह उनके संघ का मामला है। किस बात के लिए वह संघ को पैसे देते हैं, इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। सभी कर्मचारियों को अपने-अपने तैनाती वाले गांवों में साफ सफाई करनी पड़ेगी, इतना तय है। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं चलेगी।


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