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एक हजार महिलाओं को निगल सकता है एड्स

कौशांबी : एड्स यानि मौत का दूसरा नाम। इस लाइलाज बीमारी से लोग दूर भागते हैं, लेकिन जनपद की एक हजार म

By Edited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 07:11 PM (IST)Updated: Tue, 25 Nov 2014 07:11 PM (IST)
एक हजार महिलाओं को निगल सकता है एड्स

कौशांबी : एड्स यानि मौत का दूसरा नाम। इस लाइलाज बीमारी से लोग दूर भागते हैं, लेकिन जनपद की एक हजार महिलाएं इस बीमारी से लुकाछिपी का खेल खेल रही हैं। जनपद की इन महिलाओं को सेक्सुअल वर्कर के रूप में पहचान कर यूपी एड्स नियंत्रण बोर्ड को इसकी जानकारी दी गई है। लेकिन कंट्रोल बोर्ड ने मात्र 250 महिलाओं की निगरानी की जिम्मेदारी एक संस्था को दी है। संस्था की निगाह सब पर है, लेकिन लक्ष्य से ज्यादा संख्या होने पर वह सभी को जरूरी सुविधाएं नहीं दे पा रही है। यूपी एड्स नियंत्रण बोर्ड से सम्बद्ध दलित विकास उत्थान एवं सामाजिक उत्थान समिति को 2007 में कौशांबी का सर्वे कर एड्स पीड़ित महिलाओं व नशे की गिरफ्त में आने वाले लोगों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 2007 से लगातार सर्वे हो रहा है। अब तक एक हजार महिलाओं को सेक्सुअल वर्कर की पहचान की जा चुकी है। संस्था की मजबूरी यह है कि उसको 250 महिलाओं की निगरानी व उनको एड्स से बचाव के लिए किट आदि देने की जिम्मेदारी मिली है। संस्था इन महिलाओं का हर महीने मेडिकल परीक्षण कराती है। संस्था ने सभी महिलाओं को एड्स से दूर रखने के लिए यूपी एड्स कंट्रोल बोर्ड से लक्ष्य बढ़ाने की मांग की । लेकिन संस्था को बढ़ा हुआ लक्ष्य नहीं मिल पा रहा है। इससे वह सबकी मदद नहीं कर पा रही है। महिलाओं की स्थिति पर संस्था के परियोजना प्रबंधक अरुण ¨सह ने ¨चता जताई है। उन्होंने कहाकि यदि समय रहते इन महिलाओं को सुविधाएं नहीं दी गई तो यह एड्स की चपेट में आ सकती हैं। स्वास्थ्य विभाग भी इस मामले में कोई पहल नहीं कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग के साथ समस्या यह है कि वह सभी की सूचनाएं मांग रहा है, संस्था ऐसा कर नहीं सकती है। महिलाओं की गोपनीयता बनाए रखने के लिए वह बाध्य है।

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निगरानी के बाद भी तीन महिलाएं एचआइवी पॉजीटिव

कौशांबी : दलित विकास एवं सामाजिक उत्थान समिति 250 सेक्सुअल वर्कर महिलाओं की निगरानी कर रहा है। इन महिलाओं का हर महीने मेडिकल चेकअप कराया जा रहा है। निगरानी के दौरान तीन महिलाएं एड्स की चपेट में आई हैं। एचआइवी पॉजीटिव इन महिलाओं को अब संस्था विशेष सुविधा मुहैया करा रहा है। परियोजना प्रबंधक ने बताया कि महिलाओं का समय-समय पर इलाज भी कराया जाता है। ----------------------------

संस्था के राडार पर हैं छह गांव व कस्बे

कौशांबी : सेक्सुअल वर्कर महिलाओं की निगरानी में जुटी संस्था के रॉडार पर छह महत्वपूर्ण स्थान हैं। सर्वे के बाद संस्था ने एक हजार महिलाओं की पहचान की है। इनमें सबसे ज्यादा कोखराज, भरवारी, कांशीराम कालोनी, मंझनपुर व रामपुर सुहेला शामिल है।

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संस्था ने यूपी एड्स कंट्रोल बोर्ड से चिह्नित महिलाओं की देखरेख के लिए लक्ष्य बढ़ाने की मांग की है। साथ ही जिले की स्थिति से अवगत भी कराया गया है। लक्ष्य बढ़ाया जाए, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यदि लक्ष्य बढ़ता है तो महिलाओं के लिए हितकारी होगा।

अरुण ¨सह, परियोजना प्रबंधक


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