फरार 'सरगना' की तलाश में ताबड़तोड़ छापा
कौशांबी : डॉयट में सक्रिय फर्जी मार्कशीट बनाने वाले रैकेट के सरगना की तलाश तेज हो गई है। शुक्रवार की रात पुलिस ने कई कॉलेजों में ताबड़तोड़ छापा मारा। सरगना के कॉलेज को भी पुलिस ने खंगाला। पुलिस के पहुंचने से पहले ही सरगना अपने कॉलेज में लगे कंप्यूटर, प्रिंटर आदि लेकर गायब हो गया। पुलिस को दबिश में कुछ नहीं मिला। पुलिस मुखबिरों के जरिए सरगना की टोह में जुटी है।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डॉयट) मंझनपुर में गुरुवार की रात पुलिस ने छापा मारकर लिपिक अमरेश पांडेय समेत तीन अन्य लोगों को हिरासत में लिया था। सफारी वाहन से डॉयट की गोपनीय पत्रावलियां व कई फर्जी मार्कशीट पुलिस ने बरामद की थी। मार्कशीट की एक्सपर्ट से जांच कराई तो पता चला कि यह मार्कशीट फर्जी हैं और इन्हें आफसेट प्रिंटर पर छापा गया है। इसके बाद पुलिस ने अनिकेत सिंह, सूरज सिंह और पंकज कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिपिक को डॉयट प्राचार्य नरेंद्र शर्मा की सुपुर्दगी में दिया। मामला दर्ज करने के बाद पुलिस फर्जी मार्कशीट बनाने वाले रैकेट के सरगना को दबोचने की तैयारी में जुट गई है।
सदर कोतवाल राजेश सिंह ने पुलिस फोर्स के साथ नेवादा के एक कॉलेज में छापा मारा। यहां लगे कंप्यूटर और प्रिंटर आदि को पुलिस के पहुंचने से पहले ही हटा दिया गया। आपाधापी में कंप्यूटर का वायर आदि सरगना छोड़ भाग गया। इसके बाद पुलिस ने कई अन्य कॉलेजों में छापा मारा, लेकिन सरगना पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। उसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें सक्रिय हैं। पुलिस इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने की तैयारी में जुटी है। पकड़े गए तीनों आरोपी युवकों के संबंधों को भी पुलिस खंगालने में जुटी है। इस गोरखधंधे में शामिल कई लोगों के नाम पुलिस को मिल चुके हैं। पड़ोसी जनपद फतेहपुर के भी एक शिक्षा माफिया का नाम सामने आ रहा है। जिस सरगना की पुलिस तलाश कर रही है, उसकी इस शिक्षा माफिया से रिश्तेदारी बताई जाती है। पुलिस अधिकारी पूरे मामले की प्रत्येक गतिविधि की जानकारी जुटा रहे हैं।
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एक बिरादरी ने हाईजैक कर रखा है 'डॉयट'
-जनरल व बैकवर्ड सीट पर इन्हीं का चलता है सिक्का
कौशांबी : बीटीसी व विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया की पूरी व्यवस्था को एक बिरादरी के माफियाओं ने हाईजैक कर रखा है। सामान्य सीट हो अथवा बैकवर्ड सीट, इनका ही जलवा रहता है। फर्जी मार्कशीट की मेरिट इतनी हाईफाई बनवाते हैं कि यह अपना चयन कराने में कामयाब हो जाते हैं। फर्जी मार्कशीट पकड़े जाने के बाद पुलिस की निगाह इस ओर भी घूमी है।
डॉयट की व्यवस्था में एक बिरादरी के असरदारों ने तगड़ी सेंध लगा रखी है। फर्जी मार्कशीट बनवाकर बिरादरी के करीब 900 लोगों को बीटीसी में चयन और शिक्षक पद पर भर्ती कराया गया है। फर्जी मार्कशीट की जोर पर बीटीसी में प्रवेश अथवा नौकरी दिलाने के नाम पर असरदारों ने करोड़ों रुपये इकट्ठा किए हैं। इनके खेल में सामान्य वर्ग के भी अभ्यर्थी शिकार होते आ रहे हैं। इतनी हाई मेरिट की मार्कशीट बनवाई जाती है कि इन्हें जाति प्रमाण पत्र लगाकर आरक्षित कोटे से आवेदन करने की जरूरत ही नहीं पड़ती, बल्कि यह सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को खुली चुनौती देते हैं। इनका खेल कई बार प्रकाश में आया। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों ने जोरदार विरोध किया, लेकिन वह साक्ष्य के अभाव में विवश थे। सत्यापन रिपोर्ट भी दबा दी जाती थी, इसलिए यह अब तक बचते आए हैं। गुरुवार को पड़े छापे के बाद इस पूरे खेल से पर्दा उठ गया। गोपनीय पत्रावली में कई फर्जी मार्कशीट के सत्यापन की रिपोर्ट भी थी जो विश्वविद्यालयों से भेजी गई है। इस रिपोर्ट में विश्वविद्यालय ने साफ कर दिया था कि जिस डिग्री की सूचना मांगी गई है, वह उनके अभिलेखों में नहीं दर्ज है। जांच कर रही पुलिस की निगाह इस ओर भी है। मुखबिरों की टोली सक्रिय है। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी भी खुलकर सामने आ गए हैं और पुलिस की मदद में जुट गए हैं।
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पकड़े गए आरोपियों का चालान
कौशांबी : डॉयट में छापा के दौरान फर्जी मार्कशीट के साथ पकड़े गए अमित सिंह पुत्र इंदल सिंह, सूरज सिंह पुत्र उदय सिंह निवासी नेवादा, सरायअकिल और पंकज कुमार पुत्र रामचंद्र निवासी तिल्हापुर, सरायअकिल का पुलिस ने शनिवार को चालान कर दिया।