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'साथी' के लिए झूमकर बरसा 'हाथी' का वोट

By Edited By: Published: Tue, 16 Sep 2014 06:01 PM (IST)Updated: Tue, 16 Sep 2014 06:01 PM (IST)
'साथी' के लिए झूमकर बरसा 'हाथी' का वोट

कौशांबी : बसपा सुप्रीमो और सपा मुखिया की राजनीतिक दुश्मनी राजधानी में ही कैद होकर रह गई। सिराथू सीट के उपचुनाव में सपा की साइकिल बसपा के ही धक्के से जमकर दौड़ी। कम से कम जिले के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना तो यही है। उपचुनाव में इस सीट पर खाता खोलने को बेकरार सपा ने वाचस्पति को प्रत्याशी बनाकर बड़ा दांव खेला था। पार्टी को जीत के लिए बसपा का वोट चाहिए था। इसमें वाचस्पति कामयाब भी रहे। चुनाव मैदान से बसपा प्रत्याशी के नदारद रहने पर बसपा समर्थकों ने वाचस्पति का जोरदार साथ दिया और सपा को जीत का प्रमाण पत्र थमा दिया।

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सिराथू सीट का उपचुनाव सपा के लिए प्रतिष्ठा की बात थी। प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा ने इस सीट पर पहली बार जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी थी। सबसे बड़ा दांव सपा ने वाचस्पति पर खेला। वाचस्पति बसपा से विधायक रह चुके थे। बसपा के एक-एक कार्यकर्ता से वह सीधे रूबरू थे। बसपा उपचुनाव से बाहर हो चुकी थी। इसीलिए सपा के दिग्गजों ने वाचस्पति पर भरोसा जताया। सपाई यह बात जानते थे कि यदि वाचस्पति के अलावा किसी दूसरे को टिकट दिया गया तो बसपा का वोट बैंक बिदक कर भाजपा के खाते में जा सकता है। यह घातक होगा। इसीलिए वाचस्पति को मैदान में उतारा। वाचस्पति के नाम की घोषणा होते ही बसपाई दलगत राजनीति का लबादा उतारकर उनके साथ चुनाव मैदान में डट गए। सपा के नेता भाषण देते और बसपाई घर-घर जाकर प्रचार करते। बसपा कार्यकर्ताओं ने सपा के पक्ष में जमकर मतदान किया। इसका परिणाम रहा कि भाजपा को 24 हजार 522 मतों से हार का मुंह देखना पड़ा। सपा के साथ बसपा कार्यकर्ता जीत का जश्न मना रहे हैं। घर-घर बधाई का दौर शुरू है। पार्टी के पदाधिकारी खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन मोबाइल के जरिए वह अपना स्नेह खूब जता रहे हैं।

आंकड़े भी दे रहे गवाही

बसपा व सपा समर्थकों के बीच चुनाव में हुई जुगलबंदी की गवाही आंकड़े भी दे रहे हैं। 2012 के विधान सभा चुनाव में सिराथू सीट पर भाजपा को 57926 वोट मिले थे। इस बार भी उनके वोट में कोई खास कमी नहीं आई है। इस बार उन्हें 55018 वोट मिले हैं। सपा को पिछली बार 32309 वोट व बसपा को 48063 वोट मिले थे। इस बार बसपा मैदान से बाहर थी। सपा को इसका फायदा मिला और उसे कुल 79540 वोट मिले। जाहिर सी बात है कि बसपा के वोट भाजपा की झोली में न जाकर सपा की झोली में चले गए।


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