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बैंकों की उदासीनता से टूट रहे बेरोजगार

By Edited By: Published: Sun, 31 Aug 2014 09:12 PM (IST)Updated: Sun, 31 Aug 2014 09:12 PM (IST)
बैंकों की उदासीनता से टूट रहे बेरोजगार

कौशांबी : हरित क्रांति के तहत मत्स्य पालन के जरिए बेरोजगारों को मत्स्य पालन का कार्य कराकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास शासन स्तर से किया जा रहा है। इसके लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य को लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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लक्ष्य की पूर्ति के लिए मत्स्य पालन विभाग द्वारा बेरोजगारों को प्रशिक्षित करके मत्स्य पालन के कार्य के लिए 34 पत्रावलियां ऋण के लिए बैंक भेजी गई। शाखा प्रबंधकों की उदासीनता के चलते अब तक चार पत्रावलियों में बैंक द्वारा ऋण दिया गया है। शेष 30 आवेदक ऋण के लिए बैंक का चक्कर काट रहे हैं। इस बाबत मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पारसनाथ ने पूर्व में आयोजित हुई बैठक में रिपोर्ट भी भेजी थी। इसके बाद सीडीओ ने शाखा प्रबंधकों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी शाखा प्रबंधक द्वारा मत्स्य पालन का कार्य करने के लिए आवेदकों को ऋण नहीं दिया गया है। इसकी वजह से प्रशिक्षित बेरोजगारों का सपना टूट रहा है।

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कहां से देंगे लगान

कौशांबी : मत्स्य पालन का कार्य करने के लिए दर्जनों बेरोजगारों ने प्रशिक्षण प्राप्त कर तालाबों का पट्टा भी लगान पर ले लिया है। इतना सब कुछ होने के बाद भी भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा आवेदकों को ऋण नहीं दिया गया है। इसको लेकर बेरोजगार परेशान हो गए हैं। उनका कहना है कि यदि मत्स्य पालन का कार्य न हुआ तो तालाबों का लगान कहां से अदा करेंगे। इससे वह काफी परेशान हैं।

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सीडीओ के निर्देश का भी नहीं दिखा असर

कौशांबी : मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पारसनाथ की शिकायत पर मुख्य विकास अधिकारी बीएन मिश्र ने अग्रणी शाखा प्रबंधक दिनेश त्रिपाठी को निर्देश दिया था कि मत्स्य पालन के लिए जो पत्रावलियां बैंक शाखा में लंबित हैं। उनका निस्तारण शीघ्र किया जाए। इसके बाद भी भारतीय स्टेट बैंक, बैंक आफ बड़ौदा व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में 30 पत्रावलियां लंबित है।

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मत्स्य पालन के कार्य के लिए भेजी गई 30 पत्रावलियों में ऋण क्यों नहीं दिया गया। इसका जवाब संबंधित शाखा प्रबंधकों से मांगा जाएगा। साथ ही पत्रावलियों के निस्तारण के लिए निर्देश भी जारी किया जाएगा।

-बीएन मिश्र, सीडीओ


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