गैंग की घेराबंदी में फंसा प्रशासन का 'रहबर'
कौशांबी : प्रशासन की मदद में खुल कर लाल सलाम से मोर्चा लेने वाला रामजीत अब जान बचाने के लिए मुंह छिपाता घूम रहा है। बेटे की हत्या के बाद गांव छूटा और अब डी-9 गैंग के चलते उसने ससुराल छोड़ दिया। चार साल से सुरक्षा के लिए अधिकारियों की चौखट पर नाक रगड़ रहे रामजीत को रोटी के लाले पड़ गए हैं। अफसरों के यहां शिकायतों की ढेर है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर नतीजा शून्य है।
यमुना के तराई में अपनी ताकत फैलाकर राजस्व को चूना लगा रहे लाल सलाम संगठन को मात देने के लिए प्रशासन ने रामजीत को अपनी मदद के रूप में उतारा। काफी समझाने के बाद उसने सरायअकिल के नंदा का पुरवा नौका घाट का ठेका लिया। अपने ही साथी रामजीत के विपक्ष में खड़ा होने से लाल सलाम संगठन आक्रोशित हो उठा। उसने रामजीत की डोंगियों को अपने कब्जे में ले लिया। साथ ही रामजीत के घर पर गोलियों की बौछार की। इस गोलीबारी में उसके जवान बेटे की मौत हो गई थी। इसमें रामजीत भी घायल हो गया था। तत्कालीन डीएम लोकेश एम. व एसपी कृपाशंकर सिंह ने छेदीलाल समेत आधा दर्जन नामजद व कई अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई। नामजद लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। उस समय एसपी कृपाशंकर सिंह ने आरोपियों को सूचीबद्ध करते हुए डी-9 गैंग चार्ट घोषित कर दिया। इसमें नामजद आरोपियों को प्रमुख रूप से रखा गया। इसके बाद अफसरों के तबादले होते रहे और रामजीत गुमनामी में दिन प्रतिदिन दिन खोता चला गया। प्रशासन के मुंह मोड़ लेने से दहशतजदा रामजीत ने अपना गांव छोड़ दिया और ससुराल पठनपुरवा पिपरी में जाकर शरण ली। मजदूरी करके वह परिवार का पालन-पोषण करता था। इन दिनों जमानत पर छूट कर डी-9 गैंग के दो सदस्य बाहर आ गए हैं। इन सदस्यों ने सुलह की धमकी भी रामजीत को दी। इस पर दहशतजदा रामजीत ने बीते माह तत्कालीन एसपी आरपी सिंह से शिकायत की। उन्होंने सरायअकिल थाना पुलिस को जांच का आदेश दिया, लेकिन आरपी सिंह व थानाध्यक्ष राजेश परिहार का स्थानान्तरण होने के बाद यह शिकायती पत्र भी जांच के नाम पर फाइलों में धूल फांक रहा है। इसके बाद पठनपुरवा में भी गैंग की चहलकदमी रात के समय शुरू हो गई। अपनी हत्या की आशंका से दो दिन पहले रामजीत ने ससुराल भी छोड़ दिया। वह अधिकारियों के यहां शिकायत करता घूम रहा है, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिल रहा।
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थाने में बीते माह रामजीत की ऐसी कोई शिकायत आई है या नहीं, मामला संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो विवेचना अधिकारी से वार्ता कर जांच की स्थिति देखी जाएगी और आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।
-केके मिश्र, एसओ सरायअकिल
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डी-9 गैंग के अपराधियों की शिकायत होने के बाद भी यदि थाना पुलिस अब तक उन पर कार्रवाई नहीं कर पाई है तो एसओ से बात की जाएगी। साथ ही ऐसे अपराधियों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा।
-आरके पांडेय, पुलिस अधीक्षक