..सूख जाएगी 51483 हेक्टेयर धान की फसल
कौशांबी : जिले के नहरों में पानी का न आने से धान की फसल सूखने की कगार पर पहुंच गई है। इससे जनपद की करीब 50 हजार हेक्टेयर से ज्यादा धान की फसल पर संकट खड़ा हो गया है। इसकी आशंका अब अफसरों ने भी जतानी शुरू कर दी है। इसके बावजूद किसानों को राहत देने के लिए बंदोबस्त नहीं किए जा रहे हैं।
सिंचाई व्यवस्था के लिए जनपद में किशनपुर पंप कैनाल, करारी व अलीपुर जीता माइनर बनाई गई है, लेकिन इन दिनों किसी भी नहर में पानी नहीं है। नहरों से धूल उड़ रही है। नहर में पानी न आने की वजह से किसान अपने धान की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। इसको लेकर जिले के किसान बेहद परेशान हैं। नहर में पानी का प्रवाह के लिए किसानों ने कई बार जिम्मेदार अफसरों से शिकायत की। इसके बाद भी नहर में पानी का प्रवाह नहीं किया गया। इससे किसानों की लगभग 51 हजार 483 हेक्टेयर फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई है। धान के खेतों में दरारें आ गई हैं। सिंचाई न होने से फसलें झुलस गई हैं। फसलों की हालत को देख किसान खून के आंसू रो रहे हैं।
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लो वोल्टेज से नहीं चल पा रहा नलकूप
कौशांबी : किशनपुर में लगाए गए पंपों को चलाने के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। लो वोल्टेज से सभी पंप नहीं चल पा रहे हैं। इससे नहरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। किशनपुर पंप कैनाल से निकलने वाली नहरें सूखी पड़ी हैं। इसकी वजह से सैकड़ों गांवों में रोपित की गई धान की फसल की सिंचाई नहीं हो पा रही है। पंप के संचालन के लिए पर्याप्त बिजली दी जाए। इसको लेकर कई बार किसान व भाकियू के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इसके बाद भी बिजली की समस्या दूर नहीं हुई।
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क्या कहते हैं मंडल अध्यक्ष
भाकियू के मंडल अध्यक्ष नूरुल इस्लाम का कहना है कि पानी के अभाव में हजारों हेक्टेयर धान की फसल सूखने के कगार पर है। जिसको लेकर दोआबा के किसान काफी चिंतित हैं। यदि सिंचाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जिले के अफसरों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता विभागीय के कार्यालयों पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।