लिपिक की अभद्रता से डीएम परेशान
कौशांबी : डीएम की उदारता कहें या फिर वकीलों के गुस्से को शांत कराने की सोच। सोमवार को डीएम की अदालत में एक वादी से लिपिक ने अभद्रता कर दी। कोर्ट में मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हुई इस घटना को लेकर अधिवक्ता भड़क गए। मौके की नजाकत को भांपते हुए डीएम ने बाबू की ओर से की गई लापरवाही के लिए खुद माफी मांगी। इससे पूरे मामले का पटाक्षेप मौके पर ही हो गया।
मंझनपुर तहसील के चांदेराई गांव के एक व्यक्ति ने डीएम से शिकायत की थी। डीएम ने मामले में पश्चिमशरीरा थाना पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी। पुलिस ने डीएम को क्या रिपोर्ट भेजी है। इसका पता लगाने के लिए फरियादी डीएम के लिपिक से मिला। किसी तरह फरियादी ने थाना पुलिस की रिपोर्ट की छायाप्रति भी हासिल कर ली। सोमवार को जिलाधिकारी राजमणि यादव अदालत में बैठे थे। वादी पेश हुआ और मामले में कार्रवाई की बावत जानकारी मांगी, साथ ही थाना पुलिस की रिपोर्ट को दिखाते हुए कार्रवाई की बात कही। डीएम ने थाना पुलिस की रिपोर्ट देखी तो पूछताछ शुरू कर दी। वादी ने बताया कि लिपिक को दो सौ रुपये देकर रिपोर्ट को प्राप्त किया है। इस पर डीएम ने अदालत में ही लिपिक को तलब किया। लिपिक वीरेंद्र से सवाल-जवाब हुआ तो उसने रुपया लेने से इंकार कर दिया। इस पर दोबारा वादी ने कहाकि नहीं उसने रुपया देकर रिपोर्ट हासिल की है तो लिपिक ने आपा खो दिया और वादी से अभद्रता कर दी। लिपिक के इस रवैये से कोर्ट में सन्नाटा पसर गया। लिपिक के दुर्व्यवहार से कोर्ट में मौजूद अधिवक्ता खफा हो गए। अधिवक्ताओं ने नाराजगी जाहिर की। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहाकि मेरे लिपिक ने वादी से अभद्रता की है। इसलिए मैं वादी से माफी मांगता हूं और आश्वासन देता है कि उसके मामले में कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में डीएम ने लिपिक से जवाब भी मांगा है।
''मेरे लिपिक ने वादी से अभद्रता की यह दुखद था। फरियादी बड़ी उम्मीद के साथ डीएम कार्यालय आते हैं। लोगों का विश्वास बना रहे, इसलिए बाबू की लापरवाही पर मैंने वादी से माफी मांग ली है।''
राजमणि यादव-डीएम