मजदूरी के लिए मारे-मारे फिर रहे मजदूर
जागरण संवाददाता, कौशांबी : करारी क्षेत्र के मीरापुर गांव में पंचायत मित्र पर मजदूरों ने मनरेगा के तहत किए गए काम का भुगतान नहीं करने और मजदूरों की संख्या दोगुनी दिखाकर रुपये हजम करने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का आरोप है कि गरीब परिवारों को बेटियों की शादी के लिए मिलने वाले अनुदान में भी पांच-पांच सौ रुपये की मांग की जाती है। विरोध करने वाले ग्रामीणों को पुलिस के जरिये डराया-धमकाया जाता है।
अधिकारियों को भेजे गए शिकायती पत्र में मीरापुर के ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि पंचायत मित्र उदय श्याम यादव उर्फ बच्चू मनरेगा के तहत कार्य करवा रहा है। बीते दिनों पथरचंट्टी कटी से मीरापुर ग्राम सभा तक पक्की रोड की पटरी में मिंट्टी डलवाई गई, जिसे दो माह हो गए। लेकिन इस काम में लगे मजदूरों को अभी तक उनका मेहनताना नहीं मिला। इससे मजदूरों के सामने घर चलाने का संकट खड़ा हो गया है। आरोप है कि कार्य में 20 मजदूर लगे, लेकिन सूची में 40 मजदूरों के नाम चढ़ाए गए हैं। सेक्रेट्री के सहयोग से ग्रामीणों का फर्जी साइन कराकर रुपये निकाल लिये जाते हैं, जिन्हें वे आपस में बांट लेते हैं। गरीब परिवार को बेटी की शादी के लिए शासन से मिलने वाले 10 हजार रुपये में भी उनकी नजर है। उदय श्याम परिवार रजिस्टर की नकल बनाने के लिए पांच सौ रुपये रिश्वत मांगता है। गरीब परिवारों से कहा जाता है कि वे पुत्री की शादी के लिए दस हजार रुपये पाते हैं, तो वे पांच सौ रुपये क्यों न लें? जो परिवार पांच सौ रुपये देने में असमर्थता जताते हैं, उनसे कहा जाता है कि वे जाकर बीडीओ से रुपये लें।