भाईचारे के लिए भेदभाव को मिटाना होगा
कौशाबी : भाईचारे से ही देश सशक्त होता है। जब तक भाईचारे की भावना नहीं रहेगी तब तक एक स्वस्थ समाज की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती। ये बातें गुरुमुख मुन्नी लाल ने रविवार को मंझनपुर के संतनगर में आयोजित निरंकारी सभा में कहीं।
कहा कि समाज में भाईचारा व एकता तभी आ सकती है जब हम अपने पराए के भेदभाव को भूल जाएं। पल्टू दास ने कहा कि महापुरुष हमारे लिए प्रेरणा स्वरूप होते हैं। इनकी प्रेरणा से हम अपने जीवन को धन्य कर सकते हैं। राजेश ने कहा कि ब्रह्मा ज्ञान लेने से कोई संत नहीं हो जाता। ब्रह्मा ज्ञान लेना संत होने की ओर पहला कदम बढ़ाना है। ब्रह्मा ज्ञान प्राप्त कर हम भक्ति की पाठशाला में प्रवेश पाते हैं। ममता ने कहा कि ज्ञान विज्ञान द्वारा आज संसार में चहुंमुखी उन्नति हुई है। इसी प्रकार आध्यात्मिक जगत में आज मनुष्य जागरूक होकर भक्ति पथ पर अग्रसर हो रहा है। सद्गुरु की सीख पर मनुष्यों के सामने पड़ा भ्रम जाल दूर होता है और वह ब्रह्मा को पाने में समर्थ होता है। इस मौके पर तमाम निरंकारी श्रद्धालु मौजूद रहे।
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