हत्या के मामले में 17 साल से लटकी गवाही
कानपुर देहात, जागरण संवाददाता : किशोर न्याय बोर्ड में हत्या व दलित उत्पीड़न के एक मामले में बीते 17 स
कानपुर देहात, जागरण संवाददाता : किशोर न्याय बोर्ड में हत्या व दलित उत्पीड़न के एक मामले में बीते 17 साल से अभियोजन पक्ष की लचर कार्रवाई के चलते एक भी गवाह अदालत नहीं पहुंचा। इस पर कोर्ट ने एसएसपी कानपुर नगर को भी पत्र लिखा पर गवाह कोर्ट नहीं आए। आखिर में बोर्ड के प्रधान न्यायाधीश ने पुलिस महानिदेशक व डीजी अभियोजन के पत्र भेजकर प्रकरण से अवगत कराया है। साथ ही अगली तारीख में गवाह प्रस्तुत नहीं होने पर साक्ष्य के अवसर समाप्त करने की बात कही है।
कानपुर नगर के ककवन थानाक्षेत्र के इकघरा सुनासी गांव में 28 अगस्त 1997 को कृपाशंकर (45) पुत्र लल्लू प्रसाद की खेत से वापस लौटते समय गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतक के चाचा मनसुख लाल ने गांव के शिव रतन, लल्ला, शिवराम ¨सह, जसवंत ¨सह, रूपेंद्र ¨सह, बृजेंद्र के खिलाफ हत्या व दलित उत्पीड़न के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में एक आरोपी लल्ला उर्फ रवींद्र घटना के समय किशोर था इसलिए मामला किशोर न्याय बोर्ड में चल रहा है। इस मामले में विवेचक राम किशोर ने 17 सितंबर 1997 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी जिसमें 13 गवाह बनाए गए थे। इस मामले के सभी आरोपियों के बयान 14 जुलाई 1998 में दर्ज हो चुके हैं। इसके बाद से आज तक एक भी गवाह कोर्ट नहीं पहुंचा है। इसे किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान न्यायाधीश रघुवीर ¨सह राठौर ने अभियोजन की लापरवाही माना है। कोर्ट का मानना है कि लगातार पुलिस प्रशासन एवं अभियोजन की तरफ से न्याय व्यवस्था का मखौल उड़ाया जा रहा है जो न्याय व्यवस्था के विपरीत है इसलिए कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक व डीडी अभियोजन को पत्र लिखकर हरहाल में 18 फरवरी तक कोर्ट में गवाह प्रस्तुत कराने को कहा है। पत्र में इस तिथि तक गवाह नहीं आने पर साक्ष्य के अवसर समाप्त करने का भी अल्टीमेटम दिया गया है।