Move to Jagran APP

टापू बने आधा दर्जन गांव

मूसानगर, संवाद सूत्र : यमुना नदी में लगातार जलस्तर बढ़ने से सेंगुर नदी उफान पर है और मुख्य मार्ग डूब

By Edited By: Published: Tue, 28 Jul 2015 08:10 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2015 08:10 PM (IST)
टापू बने आधा दर्जन गांव

मूसानगर, संवाद सूत्र : यमुना नदी में लगातार जलस्तर बढ़ने से सेंगुर नदी उफान पर है और मुख्य मार्ग डूबने से चपरघटा समेत आधा दर्जन गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। खेतों में पानी भरने से फसलें बर्बाद हो गई हैं, वहीं गांवों लोग पलायन करने को मजबूर हैं।

loksabha election banner

यमुना नदी का सोमवार से एकाएक जलस्तर बढने से चपरघटा के आसपास के गांवों में अफरातफरी की स्थिति बनी हुई। आढ़न, पथार व पड़ाव गांव देर शाम ही टापू में तब्दील हो गए थे लेकिन पूरी रात यमुना के पानी में लगातार हुई वृद्धि से सहायक नदी सेंगुर के उफनाने से चतुरीपुरवा, भुंडा, कुंभापुर, सिहारी, रसूलपुर आदि गांवों के रास्तों में 7 से 10 फीट तक पानी भर जाने से ग्रामीणों को आवागमन के लिए निजी नावों का सहारा लेना पड़ रहा है। इतना ही नहीं लगातार बढ रहे पानी को देखते हुए ग्रामीणों ने घरों का सामान बटोरना शुरू कर दिया है। मंगलवार को एसडीएम हरिहर राम व सीओ नरेश वर्मा ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। ग्रामीणों ने इन गांवों में अरहर, मूंग,उरद , ज्वार, बाजरा व सब्जियों की कई एकड़ फसलें डूबने से नष्ट होने की उन्हें जानकारी दी। इसकेसाथ ही नावों की व्यवस्था कराने का भी आग्रह किया।

------------

चपरघटा की शशी देवी का कहना है कि खेतों में पानी भरने से फसलें चौपट हो गई हैं। इससे परिवार के भरण पोषण की चिंता सता रही है। पानी गांव में घुसा तो सबकुछ बरबाद हो जाएगा।

-----------

चपरघटा के सुशील पांडेय का कहना है कि सड़कों पर पानी भरने से अन्य गांवों से संपर्क कट गया है। रात में कोई बीमार पड़ जाए तो उसे अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो जाएगा। जबकि फसलें नष्ट होने से ग्रामीणों को अब सिर्फ भगवान का ही सहारा है।

----------

आढ़न गांव के ओमप्रकाश ने बताया कि यमुना व सेंगुर के बढ़े जलस्तर से रातो रात सैकड़ों बीघे फसलें पानी में डूबने से नष्ट हो गई। आधा दर्जन से अधिक गांव रास्तों में 10 फुट तक पानी भरने से टापू में तब्दील हो गए है। पिछले साल नाव चलाने वालों का भुगतान न होने से इस बार वे सहयोग को तैयार नहीं हैं।

----------

हलिया ग्राम प्रधान गिरजा शंकर का कहना है कि हर साल बाढ़ की स्थिति बनती है। इससे भारी नुकसान के बावजूद ग्रामीणों को प्रशासनिक राहत नहीं मिलती है। बाढ़ आने पर अफसर दौरा कर आश्वासन देते हैं लेकिन उनका क्रियान्वयन नहीं होने से ग्रामीणों में निराशा है।

-------------

यमुना व सेंगुर में बढ़े जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। स्थलीय निरीक्षण कर राजस्व कर्मियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में तत्काल राहत कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

-हरिहर राम, एसडीएम भोगनीपुर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.