सचित्र-आसमान में छाये बादल किसानों के सूखे प्राण
फोटो संख्या : 17 सरवनखेड़ा संवाद सहयोगी : प्रकृति ने किसानों पर जो कहर बरपाया है शायद उसे इतने से
फोटो संख्या : 17
सरवनखेड़ा संवाद सहयोगी : प्रकृति ने किसानों पर जो कहर बरपाया है शायद उसे इतने से अभी संतोष नही है। रविवार को आसमान पर सुबह से ही बादल छाने लगे। बारिश के आसार को लेकर खलिहानों में पड़ी फसलों का समेटने के लिए किसानों ने पूरा जोर लगा दिया। बादल देख किसानों के प्राण सूख गए। अगर अब बारिश हुई तो बची हुई पूरी फसल सौ फीसदी बर्बाद हो जायेगी।
बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। किंतु मौसम अब भी किसानों को राहत देने के मूड में नही है। पिछले दिनों हुई बारिश से धनियां, चना, सरसों, मटर, गेंहू आदि की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किंतु जो फसलें बचीं है उन्हे भारी मन से किसान समेटने में लगा है। इस समय धनियां व सरसों की कटाई का काम चल रहा है। किसी की फसल खेतों में कटी पड़ी है तो कोई खलिहान में मड़ाई में लगा है। रविवार को आए बादल ने किसानों में बेचैनी पैदा कर दी। कौसम गांव के किसान शिवकरन सिंह ने बताया कि उनकी पांच बीघे में धनियां बोई थी जिसे काटने का काम चल रहा है किंतु अब बारिश हो गयी तो एक दाना भी काम का नही रहेगा। यही हाल किसान देवी दयाल, रामदास, हरीशंकर सिंह आदि ने बताये। किसानों ने बताया कि गेंहू की पक रही फसल को पानी व हवा से बड़ा नुकसान होगा। अगर बारिश हुई तो कृषि के लिए किसी भी दृष्टिकोण से फायदेमंद नही है। े