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जेएसवाई की चेकों में हेराफेरी के जिम्मेदारों पर होगा मुकदमा

By Edited By: Published: Thu, 24 Jul 2014 07:34 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jul 2014 07:34 PM (IST)
जेएसवाई की चेकों में हेराफेरी 
के जिम्मेदारों पर होगा मुकदमा

कानपुर देहात, जागरण संवाददाता : झींझक सीएचसी में जननी सुरक्षा योजना की चेकों में हेरफेर कर धन हड़पने के खुलासे से गंभीर डीएम ने एसीएमओ से छानबीन का ब्यौरा तलब कर गड़बड़ी के जिम्मेदारों पर एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। इससे विभागीय अफसरों व कर्मियों में हड़कंप मचा है।

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झींझक सीएचसी में जननी सुरक्षा योजना में नियमों को ताक पर रखकर प्रसूता की बजाय महाराजपुर की आशा कर्मी रानी के नाम से जारी चेक संख्या 638017 में 1400 की जगह हेराफेरी कर 21,400 रुपए बैंक से निकाले गये थे। मामला संज्ञान में आने पर सीएचसी प्रभारी ने आशा से धन वापस करा मामले को दबाने का प्रयास किया गया। इसकी जानकारी होने पर सीएमओ डॉ. करन सिंह ने प्रकरण की जांच एसीएमओ डॉ.वीपी सिंह को सौंपी थी। छानबीन में चेक संख्या 638017 के अलावा चेक संख्या 637996 से 21, 400 व चेक संख्या 622296 से 11,400 रुपये का गोलमाल करने का खुलासा हुआ। इसके बाद ब्लाक डाटा आपरेटर को हटाकर मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया। जांच में तीन चेकों में हेराफेरी की प्रथम दृष्टया पुष्टि होने पर डीएम ने एसीएमओ से अबतक की छानबीन का ब्यौरा तलब किया है। साथ ही तीन माह में सीएचसी से जारी की गई जेएसवाई की सभी चेकों का बैंक से विवरण लेकर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। डीएम मासूम अली सरवर ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है। गड़बड़ी के जिम्मेदारों के खिलाफ सीएमओ को एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। मामले में अबतक की छानबीन की रिपोर्ट तलब की गई है। जरूरत पर मामले की मजिस्ट्रेटी जांच भी कराई जाएगी।

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आशा के नाम कैसे जारी हुई चेक

कानपुर देहात : नियमानुसार संस्थागत प्रसव के बाद स्वास्थ्य केंद्र से डिस्चार्ज होते समय प्रसूता को जेएसवाई मद की 14 सौ रुपए की चेक देने का प्रावधान है। सीएचसी में अधिकांश चेकें प्रसूताओं के सीएचसी में कई चक्कर काटने के बाद ही उपलब्ध हो पाती हैं। वहीं जेएसवाई की 1400 रुपये की चेक सिर्फ प्रसूता के नाम से कटती है, लेकिन आशा के नाम से चेक जारी होना आश्चर्यजनक है। इस मामले में स्वास्थ्य अधिकारी सिर्फ डाटा ऑपरेटर को ही टारगेट बनाकर चेक पर हस्ताक्षर करने वाले प्रभारी चिकित्सक को क्लीन चिट देने के प्रयास से भी सवालिया निशान लगा है। चेक पर अंकों व शब्दों में धनराशि का विवरण दर्ज होने के बाद भी 1400 की जगह 21,400 लिखे जाने से प्रभारी चिकित्सक की लापरवाही व अनेदखी पर सवालिया निशान लगे हैं। एसीएमओ डॉ. वीपी सिंह ने बताया कि मामले में छानबीन की जा रही है। संलिप्त लोगों व लापरवाही के जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होगी।


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