रवि योग में सुहागिनें रखेंगी अखंड सौभाग्य को व्रत
जागरण संवाददाता, कानपुर : भाद्रपद मास के शुल्क पक्ष की तृतीया तिथि पर हरितालिका तीज का व्रत ि
जागरण संवाददाता, कानपुर : भाद्रपद मास के शुल्क पक्ष की तृतीया तिथि पर हरितालिका तीज का व्रत किया जाएगा। सुहागिनें अखंड सौभाग्य की कामना के साथ भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन अर्चन करेंगी। इस वर्ष रवि योग, यायिजय योग और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के अद्भुत संयोग में महिलाएं पूजन अर्चन कर भगवान शिव और माता पार्वती से सुख समृद्धि की कामना करेंगी।
माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। भगवती ने उस समय कंदमूल फल खाए थे और हरियाली के बीच ही वह रहीं। इसलिए इस व्रत को हरितालिका व्रत कहा जाता है। भगवती के कठोर तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिया था और पत्िन रूप में स्वीकार किया था। भारतीय ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष केए दुबे पद्मेश का कहना है कि इस दिन शिव मंदिर में जाकर जलाभिषेक अवश्य करना चाहिए। भगवान शिव को बेलपत्र, शमी पत्र, धतूरे का फल, फूल, श्वेतार्क, तुलसी दल आदि अर्पित करना चाहिए। संध्या काल में भगवान का पूजन अर्चन और भगवती पार्वती का श्रृंगार करने से समस्त कामनाओं की पूर्ति होगी। उन्होंने बताया कि इस दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में यायिजय योग सुबह 5.38 से रात 8.27 बजे तक है जबकि रवि योग योग दोपहर 2.01 बजे से पूरी रात्रि रहेगा।
इन मंदिरों में सजेगी झांकी
प्रयाग नारायण मंदिर शिवाला और कैलाश मंदिर शिवाला में भगवान शिव, माता पार्वती और अन्य देवी देवताओं की झांकियां सजाई जाएंगी। भगवान शिव का पूजन किया जाएगा।