उर्सला अस्पताल में नहीं बन सकी कोड ब्लू टीम
जागरण संवाददाता, कानपुर : उर्सला अस्पताल में हृदय घात और ब्रेन हैमरेज के मरीजों के लिए तैयार
जागरण संवाददाता, कानपुर : उर्सला अस्पताल में हृदय घात और ब्रेन हैमरेज के मरीजों के लिए तैयार की गई योजना वेंटीलेटर पर है। कोई भी डॉक्टर तैयार नहीं है, जबकि पैरामेडिकल स्टाफ मिल नहीं पा रहे हैं। एनएबीएच के प्रमाणीकरण के लिए योजना को अमलीजामा पहचाना जरूरी है।
हृदय घात और ब्रेन हैमरेज के मरीजों के लिए शुरूआत के आधे घंटे महत्वपूर्ण होते हैं। इमरजेंसी से लेकर आइसीयू तक जान बचाने का प्रयास होता है। करीब दो महीने पहले कोड ब्लू टीम का गठन करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसमें हृदय रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन, एनेस्थिसिया के डॉक्टर, स्टाफ नर्स, इमरजेंसी तकनीशियन शामिल हैं। कुछ स्टाफ को छाती दबाकर मुंह से कृत्रिम सांस देकर प्रशिक्षण भी दिया गया। कोड ब्लू टीम का काम 24 घंटे का होता है। केस आते ही दस मिनट के अंदर सारी तैयारी शुरू कर देनी होती है।
'तकनीकी स्टाफ की कमी है। कोड ब्लू टीम के लिए एकदम अलग टीम बनाई जाएगी। डॉक्टरों से बातचीत की जा रही है।'
- डॉ. फैजल नफीस, हॉस्पिटल मैनेजर, उर्सला