ट्रकों का चक्का जाम, पांच करोड़ का माल डंप
जागरण संवाददाता, कानपुर : आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर ट्रकों की दो ि
जागरण संवाददाता, कानपुर : आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर ट्रकों की दो दिवसीय हड़ताल ने दूसरे दिन असर दिखाया। मंगलवार को हड़ताल में यूपी मोटर ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन भी शामिल हो गया। ट्रांसपोर्ट नगर में 20 हजार से ट्रक खड़े हो गए। ट्रकों के चक्का जाम से करीब पांच करोड़ रुपये का माल डंप हो गया। हड़ताल के कारण दो हजार से अधिक पल्लेदारों को दिनभर कोई काम नहीं मिला। हजारों माल लदे ट्रक जहां तहां रुक गए।
सोमवार को पहले दिन हड़ताल का इतना प्रभाव नहीं दिखा लेकिन, दूसरे दिन ट्रकों के चक्के जाम रहे। पूरी तरह से हड़ताल के कारण ट्रांसपोर्ट नगर में माल लादने व उतारने का काम रोक दिया गया। दोपहर में यूपी मोटर ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सतीश गांधी, सुभाष मलिक, श्याम शुक्ला, एबी त्रिपाठी, अजीज अहमद, राजेंद्र सेठी, अरुण वाधवा, आशू गांधी, मंजीत सिंह आदि की अगुवाई में व्यवसायियों ने घूम घूमकर ट्रांसपोर्ट बंद कराए। आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के सदस्य रवि गुप्ता, करुणा शंकर मिश्रा, डीके जैन, वीरेंद्र तिवारी, विभोर गुप्ता आदि भी हड़ताल को प्रभावी बनाने में जुटे रहे। ट्रांसपोर्ट में माल डंप होता रहा। बाबू माल की बुकिंग तो करते रहे लेकिन, व्यापारियों को यही आश्वासन देते रहे कि रात में हड़ताल खत्म हो जाएगी तो ट्रकों में लदान कर माल पहुंचा दिया जाएगा।
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इन वस्तुओं का व्यापार प्रभावित
ø गुजरात से कपड़ा, प्लास्टिक, सूत, धागा, साबुन, नमक, ट्यूबवेल बो¨रग की सामग्री, टाइल्स, इंजन आयल समेत कई तरह के आइटम।
ø दिल्ली से रेडीमेड कपड़े, इलेक्ट्रानिक्स का सामान
ø पानीपत से कंबल, चादर और रेडीमेड कपड़े
ø लुधियाना से होजरी और साइकिल पार्ट्स
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इंसेट..
सब्जी के ट्रक भी रोके गए
ø इंदौर से लौकी-गोभी के ट्रक
ø पुणे से टमाटर की खेप नहीं आई
ø नासिक से प्याज-अंगूर भी नहीं आया
ø गुजरात से चीकू भी नहीं आया
ø कश्मीर से सेब व मेवा के ट्रक
ø शिमला से मिर्चे के ट्रक
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शहर का यह माल रुका
लोहा, साबुन, नमकीन, बिस्कुट, गुटखा, मसाला, प्लास्टिक के सामान, लेदर, कोल्ड ड्रिंक्स, आलू, किराना
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आज हड़ताल खत्म
ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने बताया कि आधी रात को हड़ताल खत्म हो गई। बुधवार को ट्रकों का आवागमन शुरू हो जाएगा।
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बोले व्यवसायी
ø डीजल को भी जीएसटी के दायरे में ले आएं ताकि दामों में कमी हो। नोटबंदी के बाद से व्यापारी परेशान हैं।
-यतीश सिंह
ø व्यापारी सरकार को करोड़ों रुपये टैक्स देता है लेकिन उसके बाद भी उसे कोई सुविधा नहीं है।
-श्याम शुक्ला
ø टोल प्लाजा पर हजारों लीटर डीजल बर्बाद होता है, इसलिए टोल पर ट्रकों को नहीं रोका जाए, एक मुश्त टोल ले लें।
-अजीज अहमद
ø मोटर व्हीकल एक्ट में कई खामियां हैं, इन्हें ठीक करके ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को आसान बनाया जाए।
-मंजीत सिंह
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दो हजार गांठ कपड़ा नहीं आया
ट्रकों की हड़ताल के चलते सूरत व अन्य स्थानों से दो हजार गांठ कपड़ा नहीं आ सका। नौघड़ा कपड़ा कमेटी के अध्यक्ष शेष नारायन त्रिवेदी पप्पू ने बताया कि दीपावली पर खरीदारों को भारी दिक्कत हो रही।