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मोबाइल कंपनियों की मनमानी, बूंद-बूंद पानी को तरसी छावनी

जागरण संवाददाता, कानपुर: मोबाइल कंपनियों की मनमानी शहर को भारी पड़ रही है। एक मोबाइ

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Aug 2017 03:01 AM (IST)Updated: Tue, 15 Aug 2017 03:01 AM (IST)
मोबाइल कंपनियों की मनमानी, बूंद-बूंद पानी को तरसी छावनी
मोबाइल कंपनियों की मनमानी, बूंद-बूंद पानी को तरसी छावनी

जागरण संवाददाता, कानपुर: मोबाइल कंपनियों की मनमानी शहर को भारी पड़ रही है। एक मोबाइल कंपनी ने बिना अनुमति पकरिया चौराहे पर हेस्टिंग रोड ड्रिल मशीन से सड़क खोद डाली। ड्रिलिंग से पाइप लाइन और सीवर लाइन फट गई। जमीन के अंदर पानी रिसाव के चलते जहां सड़क धंस गई है, वहीं मीरपुर, त्रिवेणीनगर और हेस्टिंग रोड की जलापूर्ति ठप हो गई है। करीब 50 हजार की आबादी पानी के लिए परेशान हो उठी।

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नियमानुसार मोबाइल कंपनियों को अंडर ग्राउंड वायर डालने के लिए संबंधित निगमों से अनुमति लेनी पड़ती है। इसके एवज में उन्हें रोड कटिंग के रूप में मोटी फीस जमा करनी होती है। ऐसे में मोबाइल कंपनियां पैसा बचाने के लिए बिना अनुमति के खोदाई को अंजाम देती हैं। आए दिन इसका खामियाजा देखने को मिलता है। ताजा मामला छावनी क्षेत्र का है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक करीब पांच दिन पहले एक मोबाइल कंपनी के लोगों ने शाम सात बजे से रात दो बजे तक पकरिया चौराहे पर ड्रिलिंग की। दो दिन बाद ड्रिलिंग से कुछ आगे की 50 मीटर सड़क धंस गई। सड़क धंसने की वजह से मीरपुर, त्रिवेणी नगर और हेस्टिंग रोड के दोनों ओर पानी की सप्लाई रुक गई है। आसपास के क्षेत्रों में पानी आ रहा है, उसमें सीवर का पानी मिला है। माना जा रहा है कि ड्रिलिंग से पानी की पाइप लाइन और सीवर लाइन दोनों फट गई हैं। इससे निकले पानी से ही सड़क धंसी और आगे की पानी सप्लाई ठप हो गई। करीब चार दिन से इस क्षेत्र में रहने वाली करीब 50 हजार की आबादी पानी को तरस रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि छावनी परिषद की ओर से समस्या निदान का कोई प्रयास नहीं किया गया।

सीईओ ने दिए एफआइआर के आदेश

इस मामले की जानकारी रविवार को सीईओ हरेंद्र सिंह को दी गई। उन्होने इस मामले में अज्ञात मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिए हैं।

गणेश विसर्जन पर हो सकती समस्या

हेस्टिंग रोड से कानपुर दक्षिण की ओर से सैंकड़ों लोगों द्वारा गणेश विसर्जन के लिए प्रतिमाएं लाई जाती हैं। सड़क का बड़ा हिस्सा धंस गया है। ऐसे में विसर्जन के दौरान हजारों की भीड़ में यह गड्ढा प्रशासन के लिए समस्या बन सकता है।


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