कानपुर में स्लाटर हाउस बंद फिर भी कट रहे जानवर
कानपुर नगर निगम ने आवारा जानवरों के काटने पर रोक लगाते हुए स्लाटर हाउसों पर कार्रवाई की थी, इसके बाद भी जानवरों को काटा जा रहा है और बाजारों में मीट बेचा जा रहा है।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। प्रदूषण बोर्ड के आदेश पर नगर निगम ने तीन साल पहले ही शहर के अंदर स्लाटर हाउस बंद कर दिए थे लेकिन चोरी छुपे अभी भी जानवर काटे जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 24 दिसंबर 2013 को कर्नलगंज, फजलगंज, बकरमंडी और बाकरगंज में स्थित छोटे व बड़े जानवर काटने के लिए बने पांच स्लाटर हाउस बंद कराए थे।
नगर निगम ने आवारा जानवरों के काटने पर रोक लगाते हुए स्लाटर हाउसों पर कार्रवाई की थी। इसके बाद भी जानवरों को काटा जा रहा है और बाजारों में मीट बेचा जा रहा है। बताया जाता है कि उन्नाव में बने आधुनिक स्लाटर हाउस से लोग जानवर काटकर बेच रहे हैं।
यह भी पढ़ें: UP सरकार की बड़ी कार्रवाई, अब गाजियाबाद में 15 बूचड़खाने हुए सीज
112.33 करोड़ से बनेगा आधुनिक स्लाटर हाउस: बकरमंडी में नगर निगम द्वारा 12.33 करोड़ रुपये से आधुनिक स्लाटर हाउस का निर्माण कराए जाने की तैयारी है। नगर विकास विभाग ने 4.71 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। आचार संहिता के चलते मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 4331 वर्गमीटर की जगह में स्लाटर हाउस का निर्माण कराया जाएगा। इसमें बड़े जानवरों व छोटे जानवरों के काटने का ब्लॉक अलग-अलग बनेगा।
यह भी पढ़ें: पहले दिन से असर, स्लाटर हाउसों पर लटकने लगे ताले