यूनियन बैंक के एटीएम में मिली स्किमर डिवाइस, क्लोनिंग की आशंका
सूनसान स्थानों पर स्थित एटीएम को निशाना बना रहे साइबर ठग
By Edited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 01:14 AM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 11:22 AM (IST)
कानपुर,जेएनएन। विजयनगर के यूनियन बैंक एटीएम पर कार्ड क्लोनिंग डिवाइस मिलने के बाद अब बर्रा में भी यूनियन बैंक के एटीएम पर साइबर ठगों ने स्किमर डिवाइस लगाकर खातेदारों की डिटेल हासिल कर ली है। सोमवार को रकम निकालने पहुंचे एक ग्राहक ने पुलिस को यह डिवाइस सौंपी। क्राइम ब्रांच जांच में जुटी है।
सुनसान स्थानों पर स्थित एटीएम साइबर ठगों के निशाने पर हैं। वहां वह स्किमर डिवाइस लगाकर रकम निकालने आ रहे ग्राहकों के कार्ड का ब्योरा हासिल कर खातों से रकम निकाल रहे हैं। पिछले साल चुन्नीगंज स्थित पीएनबी एटीएम, गुमटी स्थित एसबीआइ एटीएम पर क्लोनिंग डिवाइस चिपकाए जाने की जानकारी मिली थी। दो माह पूर्व डिप्टी पड़ाव स्थित केनरा बैंक के एटीएम व विजयनगर स्थित यूनियन बैंक के एटीएम पर भी यही डिवाइस मिली थी। ताजा मामला बर्रा के एटीएम का आया है।
सोमवार को स्थानीय निवासी नितिन कुमार रकम निकालने पहुंचे और कार्ड स्वाइप करने के दौरान उन्हें डिवाइस लगी दिखी। तत्काल उन्होंने पुलिस व बैंक प्रबंधन को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने डिवाइस कब्जे में ले ली। एसपी क्राइम राजेश यादव ने बताया कि बैंक से सूचना मांगी गई है। ताकि यह पता लग सके कि डिवाइस लगाने के बाद कितने लोगों ने रकम निकाली। साथ ही डिवाइस लगाने वाले की भी तलाश की जा रही है।
जेई और कोचिंग संचालक के खातों से उड़ाई रकम
एटीएम कार्ड क्लोनिंग के मामले बढ़ते जा रहे हैं। साइबर ठगों ने पिछले दिनों लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता (जेई) और एक कोचिंग संचालक के खातों से जारों रुपये पार कर दिए। जिसे लेकर काकादेव में पीड़ितों ने मुकदमा दर्ज कराया है। विजयनगर निवासी अवर अभियंता अरुण कुमार कुशवाहा ने बताया कि आखिरी बार उन्होंने काकादेव स्थित एक बैंक के एटीएम से पैसे निकाले थे। इसके बाद 27 नवंबर को खाते से 60 हजार रुपये निकल गए।
वहीं, कोचिंग संचालक ऐश्वर्य टंडन ने बताया कि उन्होंने आखिरी बार एक मेडिकल स्टोर से कार्ड स्वाइप करके दवाइयां खरीदी थीं। इसके बाद ही खाते से आठ बार में 80 हजार रुपये निकल गए। इंस्पेक्टर राजीव सिंह ने बताया कि दोनों मामलों की जांच साइबर सेल की मदद से कराई जा रही है। एटीएम में लगे कैमरे की फुटेज भी निकलवाई जा रही है। गेस्ट हाउस संचालक से पूछ लिया ओटीपी शास्त्रीनगर के गेस्ट हाउस संचालक विनय सिंह के खाते से साइबर ठगों ने करीब आठ हजार रुपये पार कर दिए। विनय ने बताया कि ठग ने पिता को फोन करके कार्ड इस्तेमाल न करने और खाता बंद करने का डर दिखाया। इसके बाद फोन से कॉफ्रेंस पर विनय से बात की और झांसा देकर कार्ड का नंबर व ओटीपी पूछ लिया था।
सुनसान स्थानों पर स्थित एटीएम साइबर ठगों के निशाने पर हैं। वहां वह स्किमर डिवाइस लगाकर रकम निकालने आ रहे ग्राहकों के कार्ड का ब्योरा हासिल कर खातों से रकम निकाल रहे हैं। पिछले साल चुन्नीगंज स्थित पीएनबी एटीएम, गुमटी स्थित एसबीआइ एटीएम पर क्लोनिंग डिवाइस चिपकाए जाने की जानकारी मिली थी। दो माह पूर्व डिप्टी पड़ाव स्थित केनरा बैंक के एटीएम व विजयनगर स्थित यूनियन बैंक के एटीएम पर भी यही डिवाइस मिली थी। ताजा मामला बर्रा के एटीएम का आया है।
सोमवार को स्थानीय निवासी नितिन कुमार रकम निकालने पहुंचे और कार्ड स्वाइप करने के दौरान उन्हें डिवाइस लगी दिखी। तत्काल उन्होंने पुलिस व बैंक प्रबंधन को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने डिवाइस कब्जे में ले ली। एसपी क्राइम राजेश यादव ने बताया कि बैंक से सूचना मांगी गई है। ताकि यह पता लग सके कि डिवाइस लगाने के बाद कितने लोगों ने रकम निकाली। साथ ही डिवाइस लगाने वाले की भी तलाश की जा रही है।
जेई और कोचिंग संचालक के खातों से उड़ाई रकम
एटीएम कार्ड क्लोनिंग के मामले बढ़ते जा रहे हैं। साइबर ठगों ने पिछले दिनों लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता (जेई) और एक कोचिंग संचालक के खातों से जारों रुपये पार कर दिए। जिसे लेकर काकादेव में पीड़ितों ने मुकदमा दर्ज कराया है। विजयनगर निवासी अवर अभियंता अरुण कुमार कुशवाहा ने बताया कि आखिरी बार उन्होंने काकादेव स्थित एक बैंक के एटीएम से पैसे निकाले थे। इसके बाद 27 नवंबर को खाते से 60 हजार रुपये निकल गए।
वहीं, कोचिंग संचालक ऐश्वर्य टंडन ने बताया कि उन्होंने आखिरी बार एक मेडिकल स्टोर से कार्ड स्वाइप करके दवाइयां खरीदी थीं। इसके बाद ही खाते से आठ बार में 80 हजार रुपये निकल गए। इंस्पेक्टर राजीव सिंह ने बताया कि दोनों मामलों की जांच साइबर सेल की मदद से कराई जा रही है। एटीएम में लगे कैमरे की फुटेज भी निकलवाई जा रही है। गेस्ट हाउस संचालक से पूछ लिया ओटीपी शास्त्रीनगर के गेस्ट हाउस संचालक विनय सिंह के खाते से साइबर ठगों ने करीब आठ हजार रुपये पार कर दिए। विनय ने बताया कि ठग ने पिता को फोन करके कार्ड इस्तेमाल न करने और खाता बंद करने का डर दिखाया। इसके बाद फोन से कॉफ्रेंस पर विनय से बात की और झांसा देकर कार्ड का नंबर व ओटीपी पूछ लिया था।
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