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दौड़ पड़े बिकवाल, औंधे मुंह गिरी दाल

जागरण संवाददाता, कानपुर : कीमतों में वृद्धि होते ही बाजार में बिकवालों की संख्या क्या बढ़ी बुधवार

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 03:00 AM (IST)
दौड़ पड़े बिकवाल, औंधे मुंह गिरी दाल
दौड़ पड़े बिकवाल, औंधे मुंह गिरी दाल

जागरण संवाददाता, कानपुर : कीमतों में वृद्धि होते ही बाजार में बिकवालों की संख्या क्या बढ़ी बुधवार को दालों की कीमतें ही टूट गईं। कीमतों में तेजी से हो रहे उतार-चढ़ाव को लेकर व्यापारी भी परेशान हैं।

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दालों के लगातार गिरते दामों को देखते हुए केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को दालों के आयात पर रोक लगा दी थी। यह आदेश जारी होते ही बाजारों में दालों की कीमतें बढ़नी शुरू हुईं। 11 अगस्त को जो अरहर की दाल 60 रुपये किलो थी, वह 14 अगस्त को 70 रुपये किलो पहुंच गई। उड़द भी 55 से 65 रुपये किलो हो गई। कई माह से दालें सस्ती होने से किसान अपनी दाल बाजार में नहीं ला रहे थे। कीमतें बढ़ते ही सभी को लगा कि यह मौका ठीक है, जिससे बाजार में बड़ी संख्या में बिकवाल आ गए पर दाल के खरीदारों की संख्या उतनी नहीं थी। इससे बिकवालों ने कीमतें गिराकर दालें बेचनी शुरू कर दीं, जिससे 70 रुपये वाली अरहर 66 रुपये पर आ गई, बाकी सभी दालें भी टूट गईं।

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एक सप्ताह में दाल (रुपये प्रति किलो)

दाल शुक्रवार सोमवार बुधवार

अरहर 60 70 66

चना 62 69 66

मसूर 44 48 47

उड़द हरी 55 65 60

उड़द काली 48 55 52

उड़द धुली 61 66 65

मूंग 52 57 54

मूंग धुली 62 68 66

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अपनी दाल जल्दी बेचने की हड़बड़ी में एक साथ बड़ी संख्या में लोग आ गए। इसकी वजह से कीमतें गिर गईं।

-मधुबन बिहारी गुप्ता, दाल के थोक विक्रेता।

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उम्मीद दालों की कीमतें बढ़ने की थी लेकिन भारी मात्रा में माल आने की वजह से सारे अनुमान उलट गए।

-हर्षित मिश्रा, दाल के थोक कारोबारी


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