किसानों की समस्याएं दूर करने को 'स्टूडेंट्स रेडी'
जागरण संवाददाता, कानपुर : सीएसए से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए यह राहत वाली खबर है। भारतीय
जागरण संवाददाता, कानपुर : सीएसए से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए यह राहत वाली खबर है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की मानीट¨रग व रिव्यू कमेटी के सदस्यों की मानें तो जल्द ही पांचवी डीन कमेटियों की संस्तुतियों के आधार पर छात्रों को एक्सपेरीमेंशियल लर्निंग, रावे समेत पांच कार्यक्रमों को जोड़कर स्टूडेंट्स रेडी प्रोग्राम संचालित किया जाएगा।
इसका मकसद छात्र-छात्राओं के अंदर उद्यमिता विकास की कुशलता को विकसित करना होगा। इसके अंतर्गत छात्र-छात्राएं गांवों में जाकर किसानों की समस्याओं का समाधान कर सकेंगे। इसके एवज में उन्हें छह माह तक बतौर स्ट्राइपेंड तीन हजार रुपये मिलेंगे। यह जानकारी बुधवार को उक्त कमेटी के सदस्यों की ओर से दी गई। तीन दिन के लिए सीएसए आये टीम के सदस्यों ने दूसरे दिन विभागों, संकायों, प्रयोगशालाओं व केंद्रीय पुस्तकालय का निरीक्षण कर बीते पांच सालों में खर्च किए गए बजट का भौतिक सत्यापन किया। इसके अलावा टीम के सदस्य सुबह-सुबह ही छात्रावास पहुंचे और छात्रों की समस्याएं पूछीं। टीम के सदस्य सचिव एवं सहायक उपमहानिदेशक कृषि शिक्षा (आइसीएआर) डॉ. पीके पांडेय ने कहा टीम का उद्देश्य विश्वविद्यालय की समस्याओं को समझकर उनका निराकरण करना है। केंद्रीय पुस्तकालय को देखने के बाद सदस्यों ने कहा कि शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम लगाया जाए। साथ ई-जर्नल्स, ई-बुक्स को बढ़ावा दें। बायोकंट्रोल प्रयोगशाला में शोध कार्यो को देख सदस्यों का कहना था ट्राइकोडर्मा पर किये जा रहे शोध कार्यो को विस्तार देते हुए किसानों के हित में राज्य सरकार के सहयोग से इसे पीपीपी मोड पर लाकर आगे बढ़ाएं। शाम को कुलपति डॉ. सुशील सोलोमन एवं संकाय सदस्यों के साथ विचार करते हुए शिक्षकों व वैज्ञानिकों ने सदस्यों के समक्ष अपनी समस्याएं रखीं। टीम के अध्यक्ष डॉ. कुसुमाकर शर्मा की ओर से नई शोध योजनाओं को बनाने तथा विभागाध्यक्षों को नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस नई दिल्ली से प्रशिक्षण लेने का सुझाव दिया। सदस्यों का कहना था कि यहां की गतिविधियों की पूरी रिपोर्ट आइसीएआर नई दिल्ली को सौंपी जाएगी।